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शिमला, 4 दिसंबर (हि.स.)। राजधानी शिमला में चल रहा 10 दिवसीय सरस मेला सैलानियों को खूब भा रहा है। स्थानीय संस्कृति, हस्तशिल्प और पारंपरिक व्यंजनों का संगम इस मेले को विशेष बना रहा है। हर साल की तरह इस बार भी शिमला के रिज मैदान पर यह मेला आयोजित किया जा रहा है, जहां सैलानी और स्थानीय लोग आनंद उठा रहे हैं।
सरस मेला के आकर्षण का मुख्य केंद्र यहां के हिमाचली व्यंजन हैं। मेला स्थल पर विभिन्न प्रकार के स्टॉल्स लगे हुए हैं, जहां पर प्रदेश के पारंपरिक पकवानों का स्वाद चखने का अवसर मिल रहा है। यहां लगे फूड कार्निवल में हिमाचली धाम लोगों को सबसे ज्यादा आकर्षित कर रही है। कांगड़ी धाम के अलावा मंडी की धाम को खूब पंसद किया जा रहा है। चावल, मक्का की रोटी, सरसों का साग, चना मदरा, कढ़ी और आलू के पराठे जैसे स्वादिष्ट व्यंजन यहां के लोगों और सैलानियों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गए हैं। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मक्का की रोटी व सरसों के साग की थाली पर्यटकों काे 120 रुपये में दी जा रही है। काफी लोग मक्का की रोटी व सरसों के साग को पसंद कर रहे हैं।
सरस मेले में 105 स्टॉल लगाए गए हैं। जिसमें 21 स्टॉल हिमाचली व्यंजनों के शामिल हैं। यहां हर जिला के स्टॉल पर पारंपरिक व्यंजन व धाम परोसी जा रही है। यही वजह है कि इन दिनों रिज पर लोगों की भीड़ सबसे ज्यादा सरस मेले में देखने को मिल रही है।
सरस मेला में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों के स्वयं सहायता समूह हस्तनिर्मित उत्पादों का भी प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मेले में हैंडक्राफ्ट और हैंडलूम के स्टॉल भी लगाए गए हैं, जिनसे हिमाचल सहित अन्य राज्यों के कारीगरों को अपनी कला और शिल्प को प्रदर्शित करने का अवसर मिल रहा है। पर्यटक इन वस्त्रों और हस्तशिल्प उत्पादों को खरीदने के लिए उत्सुक रहते हैं। सर्दियों के मौसम में शिमला में आयोजित होने वाले इस मेले को पर्यटकों के बीच काफी पसंद किया जा रहा है।
बता दें कि सरस मेला एक दिसम्बर को शुरू हुआ था और यह मेला 10 दिसंबर तक चलने वाला है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा