सूचना न देने पर राज्य सूचना आयोग ने सीएमओ को किया तलब’
हमीरपुर, 04 दिसम्बर (हि.स.)। सूचना का अधिकार अधिनियम वर्ष 2005 में लागू हुआ था लेकिन 19 वर्ष बीत जाने के बाद भी शासन एवं प्रशासन इस कानून को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। जिस कारण विभाग के जन सूचना अधिकारियों द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना समय पर
सूचना न देने पर राज्य सूचना आयोग ने सीएमओ को किया तलब’


हमीरपुर, 04 दिसम्बर (हि.स.)। सूचना का अधिकार अधिनियम वर्ष 2005 में लागू हुआ था लेकिन 19 वर्ष बीत जाने के बाद भी शासन एवं प्रशासन इस कानून को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। जिस कारण विभाग के जन सूचना अधिकारियों द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना समय पर नहीं दे रहे हैं, लेकिन ज्यादातर जन सूचना अधिकारियों द्वारा आधी अधूरी सूचना देकर गुमराह जरूर किया जाता है। क्योंकि विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए जन सूचना अधिकारी विधि का पालन न करते हुए जानबूझकर सूचना नहीं देना चाहते हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता रामसिंह राजपूत निवासी ग्राम औड़ेरा राठ ने बताया कि उन्होंने 2 अप्रैल 2024 को जन सूचना अधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी हमीरपुर से चार बिंदुओं की सूचना चाही गई थी। लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि चार बिंदुओं के अंतर्गत चिकित्सालयो में चिकित्सा उपकरणों, दक्ष चिकित्सक, मरीजों की सुविधाओं से संबंधित, नर्सिंग होम, पंजीयन संख्या, आयुर्वेदिक चिकित्सालय, होम्योपैथिक एवं एलोपैथिक अस्पताल आदि से जुड़ी सूचना मांगी थी। लेकिन विधि द्वारा निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी सूचना नहीं दी गई। सूचना न मिलने पर अपीलार्थी ने प्रथम अपीलीय अधिकारी अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग बांदा को 3 मई 2024 को की थी।

लेकिन विधि द्वारा निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। जिससे अपीलार्थी मजबूर होकर 24 जून 2024 को राज्य सूचना आयोग को द्वितीय अपील कर कानून का उल्लंघन करने पर अपीलार्थी ने जन सूचना अधिकारी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने की आयोग से गुहार लगाई थी। जिसका संज्ञान लेते हुए राज्य सूचना आयोग लखनऊ ने सी.एम.ओ. हमीरपुर को नोटिस जारी कर तलब किया है। नोटिस मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जबकि राज्य सूचना आयोग का पत्र आने के बाद भी जन सूचना अधिकारी सीएमओ हमीरपुर से मांगी गई सूचनायें उपलब्ध नहीं कराई गई। आखिर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानकारी देने में इतनी आना-कानी क्यों की जा रही है। निश्चित रूप से सीएमओ हमीरपुर द्वारा नियमों का हवाला देते हुए जानकारी न देकर सूचना के अधिकार की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इससे सिद्ध होता है कि भ्रष्टाचार छुपाने के लिए जानबूझकर सूचना नहीं दी गई। जिसकी सुनवाई आज दिन गुरुवार 5 दिसंबर 2024 को है।

हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा