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--मुठभेड़ में बाल-बाल बचे विश्वविद्यालय चौकी प्रभारी
झांसी, 31 दिसम्बर (हि.स.)। जेलर पर हमला करने वाले कुख्यात अपराधी कमलेश यादव के बेटे मुख्य सरगना व 20 हजार के इनामिया अमित यादव समेत दो और बदमाश मंगलवार की शाम पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गए। दोनों ने पुलिस पर करीब 20 मिनट तक फायरिंग की। जबाब में पुलिस की गोली दोनों के पैरों में जा लगी। मुठभेड़ में विश्वविद्यालय चौकी प्रभारी को भी गोली लगी, हालांकि बुलेट प्रूफ जैकेट पहने होने के चलते वह बाल-बाल बच गए। दोनों घायलों को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
मुठभेड़ की जानकारी देते हुए एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार शाम को सूचना मिली थी कि 20 हजार रुपए का इनामी अमित यादव और अमर मुस्तरा गांव से पाडरी गांव की ओर जाने वाले हैं। इस पर स्वाट टीम और नवाबाद पुलिस ने घेराबंदी की। तब वे बाइक से पाडरी के जंगल की तरफ भाग गए। पुलिस ने दोनों ओर से उनको घेर लिया। तब दोनों ने फायरिंग शुरू कर दी। एक गोली पुलिस की गाड़ी में लगी, जबकि दूसरी गोली विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज दरोगा अश्वनी दीक्षित की बुलेट प्रूफ जैकेट में जा लगी। जबाब में पुलिस ने फायरिंग की। इसमें दोनों बदमाशों के पैर में गोली जा लगी। पुलिस ने दोनों के पास से तमंचा, कारतूस व बाइक बरामद की है।
--ये था जेलर से मारपीट का कारण
एसपी सिटी ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव झांसी जेल में बंद था। यहां जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता से उसकी हॉट टॉक हो गई थी। इसके बाद हिस्ट्रीशीटर को हमीरपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। उसके बेटे सुमित यादव और अमित को लगने लगा था कि जेलर की वजह से जेल बदली गई है। तब अमित ने जेलर पर हमले का प्लान बनाया। फिर अपने भाई सुमित, दोस्त अशरफ, नदीम व अमर के साथ मिलकर 14 दिसम्बर को जेलर पर योजना बनाकर हमला किया था। पांचों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। केस में हिस्ट्रीशीटर को भी नामजद किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया