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नई दिल्ली, 31 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को राजधानी के मंदिरों और बौद्ध धार्मिक स्थलों के मामले को लेकर चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा है कि उपराज्यपाल ने मंदिरों और बौद्ध धार्मिक स्थलों को तोड़ने के निर्देश दिए हैं लेकिन इन्हें तोड़ा नहीं जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने इस चिट्ठी में लिखा है कि आपके निर्देश पर और आपकी स्वीकृति से धार्मिक समिति ने दिल्ली भर में कई धार्मिक ढांचों को गिराने का निर्णय लिया है। जैसा कि आप देख सकते हैं कि गिराए जाने वाले धार्मिक ढांचों की सूची में कई मंदिर और बौद्ध पूजा स्थल शामिल हैं, जो दलित समुदाय द्वारा पूजनीय हैं। इन ढांचों को गिराने से इन समुदायों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। दिल्ली के लोगों की ओर से मैं आपसे अनुरोध करना चाहूंगी कि संलग्न सूची में दिए गए किसी भी मंदिर और पूजा स्थल को न तोड़ा जाए।
इस चिट्ठी में पश्चिमी पटेल नगर, दिलशाद गार्डेन, सुंदर नगरी, सीमापुरी, गोकलपुरी और न्यू उस्मानपुर इलाके के एक-एक मंदिर का जिक्र किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे ध्यान में लाया गया है कि धार्मिक समिति ने 22 नवंबर 2024 को आयोजित बैठक में दिल्ली भर में अनेक धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने पत्र के साथ बैठक की कार्यवाही भी संलग्न की है।
आतिशी ने तर्क दिया है कि इन बौद्ध धार्मिक स्थलों से दलितों की आस्था जुड़ी है। इन्हें तोड़ने से लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं। हालांकि, पिछले साल जारी एक आदेश में आपके कार्यालय ने कहा था कि धार्मिक संरचनाओं को गिराना 'सार्वजनिक व्यवस्था' से जुड़ा मामला है, और यह निर्वाचित सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। यह सीधे एलजी के अधिकार क्षेत्र में होगा। तब से धार्मिक समिति के काम की निगरानी सीधे आपके द्वारा की जाती है। धार्मिक समिति की सभी फाइलें गृह विभाग से एलजी के पास भेजी जाती हैं, जिसमें मुख्यमंत्री और मंत्री (गृह) को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया जाता है।
इससे पहले आतिशी ने आज गुरुद्वारा संत सुजान सिंह महराज करोल बाग में पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना के तहत ग्रंथी साहिबानों के पंजीकरण की शुरुआत की। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर यह जानकारी साझा करते हुए लिखा, यह योजना समाज के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा और समर्पण को सम्मानित करने की दिशा में अरविंद केजरीवाल का एक सराहनीय प्रयास है। भाजपा वाले इसे रोकने की कितनी भी कोशिश करें लेकिन वो कभी सफल नहीं होंगे क्योंकि इस नेक काम में भगवान हमारे साथ है।
उधर, एक अन्य मामले में एलजी ने दिल्ली सरकार को आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने और आंगनवाड़ी सुपरवाइजरों का 7 महीने का बकाया वेतन यथाशीघ्र जारी करने की सलाह दी है। सोमवार को आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने एलजी से मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया था। प्रतिनिधिमंडल ने एलजी से इस मामले में दखल देने की अपील भी की थी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एलजी ने आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय तीन हजार रुपये से बढ़ाकर 9 हजार रुपये मासिक करने की सलाह दी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव