वर्षांत : चाय उद्योग के उत्पादन में गिरावट, लेकिन निर्यात में वृद्धि, भविष्य में है ऐसी उम्मीदें
कोलकाता, 30 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल सहित पूरे भारत में चाय उद्योग इस साल मौसम की अनियमितता और बागानों के समय से पहले बंद होने के कारण कुल उत्पादन में 100 मिलियन किलोग्राम से अधिक की गिरावट का सामना कर रहा है। इससे प्रति किलोग्राम उत्पादन लागत म
चाय उद्योग के उत्पादन


कोलकाता, 30 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल सहित पूरे भारत में चाय उद्योग इस साल मौसम की अनियमितता और बागानों के समय से पहले बंद होने के कारण कुल उत्पादन में 100 मिलियन किलोग्राम से अधिक की गिरावट का सामना कर रहा है। इससे प्रति किलोग्राम उत्पादन लागत में वृद्धि हुई है। हालांकि, इस वर्ष निर्यात में वृद्धि और बेहतर मूल्य प्राप्ति ने उद्योग को कुछ राहत दी है।

2023 के पहले 10 महीनों में लगभग एक हजार 178 मिलियन किलोग्राम चाय का उत्पादन हुआ था, जबकि 2024 में जनवरी से अक्टूबर के दौरान यह आंकड़ा घटकर एक हजार 112 मिलियन किलोग्राम रह गया। भारतीय चाय संघ (आईटीए) के अध्यक्ष हेमंत बांगुर के अनुसार, इस साल नवंबर के बाद पत्तियां तोड़ने की प्रक्रिया रोक दी गई है, जिससे उत्पादन में और 45-50 मिलियन किलोग्राम की गिरावट होने की संभावना है।

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मौसम की अनियमितता का प्रभाव

जलवायु परिवर्तन और मौसम की अनिश्चितताओं ने उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है। चाय अनुसंधान संघ (टीआरए) के सचिव जॉयदीप फुकन ने बताया कि कई चाय उत्पादक क्षेत्रों में तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, और वर्षा भी लंबे समय तक कम रही। इसका परिणाम यह हुआ कि गुणवत्ता वाले महीनों में उत्पादन औसतन 20 प्रतिशत तक गिर गया।

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निर्यात में वृद्धि

2024 में चाय निर्यात 240-250 मिलियन किलोग्राम तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2023 में 231 मिलियन किलोग्राम था। भारतीय चाय निर्यातक संघ (आईटीईए) के अध्यक्ष अंशुमान कनोरिया ने कहा कि भारतीय निर्यातकों ने पश्चिम एशिया के कई बाजारों में अपनी स्थिति मजबूत की है, खासकर श्रीलंका में चाय उत्पादन में कमी के कारण।

कनोरिया ने बताया कि इस साल इराक को निर्यात में तेजी देखी गई, जो कुल निर्यात का 20 प्रतिशत है। 2024-25 वित्तीय वर्ष में इराक को 40-50 मिलियन किलोग्राम चाय भेजने की संभावना है।

-------कीमतों में बढ़ोतरी और चुनौतियां

रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के अनुसार, अप्रैल-नवंबर 2024 में सीटीसी चाय की औसत नीलामी कीमत 48 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गई। हालांकि, हाल की नीलामियों में कीमतें थोड़ी नरम हुई हैं।

आईसीआरए के सहायक उपाध्यक्ष सुमित झुंझुनवाला ने कहा कि 2024 के पहले आठ महीनों में 64 मिलियन किलोग्राम ऑर्थोडॉक्स चाय का निर्यात हुआ, जो 2023 के समान अवधि में 63 मिलियन किलोग्राम था।

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भविष्य की उम्मीदें

कम उत्पादन और सीमित स्टॉक के कारण 2025 की शुरुआत में चाय की कीमतें मजबूत रहने की उम्मीद है। टीआरए ने चाय बागानों को मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने, वर्षा जल संग्रहण के माध्यम से जल संसाधन विकसित करने और अच्छे सूक्ष्म जलवायु परिस्थितियों के लिए छाया बढ़ाने की सलाह दी है।

भारतीय चाय बोर्ड ने भी गुणवत्ता और अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं, जैसे अधिक परीक्षण, 100 प्रतिशत धूल ग्रेड चाय की नीलामी और बागानों का समय से पहले बंद होना।

इस वर्ष उत्पादन में गिरावट के बावजूद, निर्यात में वृद्धि और कीमतों में सुधार से उद्योग को आंशिक राहत मिली है। लेकिन जलवायु परिवर्तन और बढ़ती उत्पादन लागत के कारण उद्योग के सामने अभी भी कई चुनौतियां हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर