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नगांव (असम), 30 दिसंबर (हि.स.)। नगांव जिले के जुरिया थोक बाजार में सब्जियां बेहद सस्ती दर पर बिक रही हैं। बिक्री के लिए लाई गई सब्जियों का एक हिस्सा नहीं बिकने के कारण किसानों की आंखों में आंसू हैं। इस बार जुरिया के किसानों ने अभूतपूर्व मात्रा में हरी सब्जियों का उत्पादन किया है और यह एक हरे क्रांति की शुरुआत साबित हो रही है।
लेकिन, कड़ी मेहनत और खर्च करके उपजाए गए इन फसलों का इस बार न्यूनतम मूल्य भी नहीं मिल रहा है, जिससे किसानों की स्थिति खराब हो गई है। राज्य में जहां शाक-सब्जियों की कीमतों में वृद्धि हो रही है, वहीं जुरिया के किसान पसीना बहा कर, मिट्टी में खुदाई करते हुए फसल उगाते हैं, लेकिन उन्हें अपनी उपज के लिए बहुत कम कीमत मिल रही है। वर्तमान में बैंगन 10 रुपये प्रति किलो, कच्चा केला 12 रुपये, शिमला मिर्च 15 रुपये, मिर्च 15 रुपये, सीम 10 रुपये और फूल गोभी 10 रुपये प्रति किलो बिक रही है, जिससे किसानों की हालत खराब हो गई है।
किसान, जो अपने खेतों में इस्तेमाल किए गए बीज, उर्वरक और कीटनाशकों पर खर्च की गई लागत वसूल होने की उम्मीद कर रहे थे, उनके लिए यह स्थिति और भी कठिन हो गई है। बाजार में भेजने के लिए परिवहन खर्च भी पूरा नहीं हो पा रहा है। सब्जियों के इस घटते दाम ने जुरिया के किसानों को निराश कर दिया है। जो किसान पहले अपनी फसल से अच्छे दाम की उम्मीद कर रहे थे, उनके लिए अब स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश