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कोलकाता, 30 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की चौकियों और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण में राज्य सरकार की बाधा पर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अधिकारी ने सोमवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता कर रही है और वोट बैंक की राजनीति को प्राथमिकता दे रही है।
शुभेंदु अधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य सरकार जमीन उपलब्ध कराने में जानबूझकर बाधा डाल रही है, जिससे सीमा पर चौकियां और बाड़ लगाने का काम प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी खर्च उठाने को तैयार है, लेकिन राज्य सरकार जानबूझकर जमीन नहीं दे रही। यह सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है और सीमा पार से होने वाली घुसपैठ और अपराध को बढ़ावा दे रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार की इस नीति के कारण 569.254 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा असुरक्षित बनी हुई है। इस क्षेत्र में घुसपैठ और तस्करी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
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तृणमूल का पलटवार
तृणमूल नेता कुणाल घोष ने अधिकारी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बीएसएफ और अन्य केंद्रीय एजेंसियों को हर संभव सहायता प्रदान की है। अधिकारी केवल राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं। यह केंद्र सरकार की विफलताओं से ध्यान भटकाने का प्रयास है।
दरअसल पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा दो हजार 216 किलोमीटर लंबी है, जहां घुसपैठ और तस्करी की घटनाएं एक बड़ी चुनौती हैं। अधिकारी ने बताया कि 17 महत्वपूर्ण स्थानों पर बीएसएफ चौकियां और बाड़ लगाने का काम लंबित है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने केंद्रीय सरकार द्वारा स्वीकृत भूमि अधिग्रहण मामलों को भी मंजूरी नहीं दी है।
शुभेंदु अधिकारी ने राज्य पुलिस पर भी आरोप लगाया कि वह सीमा पर अपराधों पर नियंत्रण में बीएसएफ के साथ सहयोग नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि तस्करी, मवेशियों की चोरी और मादक पदार्थों जैसे फेंसिडिल और याबा टैबलेट की आवाजाही पर कार्रवाई करने में राज्य पुलिस नाकाम रही है।
अधिकारी ने दावा किया कि तस्करी में शामिल कई अपराधियों को सत्तारूढ़ पार्टी का संरक्षण प्राप्त है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर