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मंदसौर, 30 दिसंबर (हि.स.)। सोमवार को मंदसौर के शासकीय महाविद्यालय को लेकर एक मामला प्रकाश में आया कि कॉलेज में से 11 लाख रूपये के खरीदे गये 25 टैबलेट गायब हो गये है। इतनी बडी राशि के टैबलेट इस प्रकार से अचानक कॉलेज से गायब होने की खबर से हर कोई हतप्रद रह गया, लेकिन जब हमने इस मामले की पडताल की तो ज्ञात हुआ कि कॉलेज के प्राचार्य कक्ष में रखी एक लकडी की अलमारी में यह सब टेबलेट मौजूद है जो कि प्राचार्य कक्ष के आवक रजिस्टर में भी दर्ज है। लेकिन प्राचार्य डॉ आर के वर्मा इस बात को घुमाते रहे। प्राचार्य का कहना था कि स्टोर शाखा में टैबलेट की जानकारी नहीं है।
इतनी बडी राशि के टैबलेट गायब होने की खबर में प्राचार्य का पक्ष जानने के लिए जब हम कॉलेज पहुंचे तो प्राचार्य डॉ आर के वर्मा ने रिपोर्टर को बताया कि मैंने कुछ दिन पूर्व की प्राचार्य का पदभार संभाला है, मैं पूर्व में हुए कार्यो को देख रहा हूं, इसी में मैंने पाया कि कॉलेज के द्वारा 11 लाख रूपये की राशि के 25 टैबलेट खरीदें गये थे जब मैंने स्टोर शाखा में पता करवाया तो टैबलेट नहीं मिलें। रिपोर्टर के सामने ही कॉलेज प्राचार्य ने अपनी अधीनस्थ कर्मचारी को स्टोर शाखा के प्रभारी को बुलाने को कहा इतने में एक अन्य कर्मचारी प्राचार्य कक्ष का रजिस्टर लेकर आ गया और उसमें टैबलेट की इंट्री थी, लेकिन प्राचार्य ने उसे उसी वक्त वहां से भगा दिया और कहने लगे की यह अलग विषय है।
मामले में यह सच्चाई आई सामने
कालेज प्रबंधन द्वारा 11 लाख रूपये की लागत से 25 टैबलैट प्रोफेसर्स को देने के लिए खरीदे थे। तब के तत्कालिन प्राचार्य एल एन शर्मा ने इन टैबलेट को अपने कक्ष के आवक रजिस्टर में दर्ज करवाकर एक लकडी की अलमारी में सुरक्षित रख दिये थे और उस पर सील लगा दी थी। यह टैबलेट एक बडे आयोजन में प्रोफेसर को वितरित किये जाते लेकिन इस दौरान कोई बडा आयोजन नहीं हुआ और टैबलेट वितरित नहीं हों सके। वर्तमान प्राचार्य ने अपने यहां इसे चेक नहीं किया और आधी जानकारी कॉलेज में फैला दी गई। अलमारी में टैबलेट होने की बात पर प्राचार्य ने कहा कि मुझे यह नहीं पता अलमारी में टैबलेट हैं या नहीं इसे खोलने के लिए एक टीम गठित कि है और मीडिया के सामने इस अलमारी को खोला जायेंगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया