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कोलकाता, 30 दिसंबर (हि. स.)। आम आदमी पार्टी (आप) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल द्वारा 'पुजारी ग्रंथि सम्मान योजना' की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे 'प्रतीकात्मक कदम' बताते हुए आलोचना की। भाजपा ने कहा कि इस तरह के कदमों का उद्देश्य केवल धार्मिक आधार पर वोट हासिल करना है, जो गरीबों की आर्थिक स्थिति में वास्तविक सुधार नहीं कर सकते।
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को घोषणा की कि अगर उनकी पार्टी फिर से सत्ता में आती है, तो हिंदू मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को प्रति माह 18 हजार रुपये का भत्ता दिया जाएगा। इस पर बंगाल भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने इस घोषणा को 'प्रतीकवाद' करार देते हुए कहा कि आप और तृणमूल कांग्रेस दोनों गरीबों की सच्ची आर्थिक प्रगति में रुचि नहीं रखते।
भट्टाचार्य ने याद दिलाया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 2020 में पुजारियों के लिए मासिक भत्ता योजना शुरू की थी। इससे पहले 2012 में इमामों के लिए भत्ता शुरू किया गया था, जिसे अगस्त 2023 में 500 रुपये बढ़ाया गया था। उन्होंने कहा कि इन कदमों के बावजूद पुजारियों, इमामों और ग्रंथियों की आर्थिक स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है।
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तृणमूल और भाजपा के बीच जुबानी जंग
तृणमूल नेता जयप्रकाश मजूमदार ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ममता बनर्जी की सरकार ने गरीबों और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की सरकारों ने इन योजनाओं की नकल की है। मजूमदार ने यह भी कहा कि बंगाल में भाजपा को जनता ने खारिज कर दिया है और दिल्ली चुनावों में भी उसे हाल ही में झटके लगे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर