राज्य की 246 तहसीलों में होने वाले ‘रबी कृषि महोत्सव’ में 2.5 लाख से अधिक किसान लेंगे हिस्सा : राघवजी पटेल
-गुजरात में 6-7 दिसंबर को आयोजित होगा ‘रबी कृषि महोत्सव-2024’ -मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और कृषि मंत्री श्री राघवजी पटेल बनासकांठा के दांतीवाड़ा से कराएंगे राज्यव्यापी शुभारंभ अहमदाबाद, 03 दिसंबर (हि.स.)। गुजरात के किसानों को मौजूदा समय के अनुरूप क
राघवजी पटेल


-गुजरात में 6-7 दिसंबर को आयोजित होगा ‘रबी कृषि महोत्सव-2024’

-मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और कृषि मंत्री श्री राघवजी पटेल बनासकांठा के दांतीवाड़ा से कराएंगे राज्यव्यापी शुभारंभ

अहमदाबाद, 03 दिसंबर (हि.स.)। गुजरात के किसानों को मौजूदा समय के अनुरूप कृषि पद्धतियों, टेक्नोलॉजी और अभिनव दृष्टिकोणों से परिचित कराने के आशय के साथ राज्य सरकार आगामी 6 और 7 दिसंबर को ‘रबी कृषि महोत्सव-2024’ का आयोजन करेगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और कृषि मंत्री राघवजी पटेल बनासकांठा जिले की दांतीवाड़ा कृषि यूनिवर्सिटी से ‘रबी कृषि महोत्सव-2024’ का राज्यव्यापी शुभारंभ कराएंगे।

कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने मंगलवार को इस विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 6 और 7 दिसंबर के दौरान राज्य के 246 तहसील मुख्यालयों में तहसील स्तर का रबी कृषि महोत्सव आयोजित होगा। इन कार्यक्रमों का शुभारंभ गुजरात सरकार के मंत्री, सांसद और विधायक सहित विभिन्न पदाधिकारी और उच्च अधिकारी कराएंगे। इस कृषि महोत्सव में गुजरात के 2.5 लाख से अधिक किसान हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान वर्ष 2005 में कृषि महोत्सव के आयोजन की एक नई परंपरा शुरू की थी, ताकि कृषि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ किसानों के साथ सीधे वार्तालाप कर सकें। उनकी समस्याओं का समाधान कर उन्हें उचित मार्गदर्शन दे सकें, नई कृषि पद्धतियों से अवगत करा सकें और किसानों की समस्याओं के आधार पर शोध कर सकें। कृषि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए शुरू हुई इस परंपरा को बेहतर ढंग से आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में कृषि और किसान कल्याण विभाग की ओर से ‘रबी कृषि महोत्सव-2024’ का आयोजन किया गया है।

पटेल ने कहा कि कृषि महोत्सव ने प्रधानमंत्री के ‘लैब टू लैंड’ यानी प्रयोगशाला से खेत तक के मंत्र को सच्चे अर्थ में साकार किया है। कृषि महोत्सव के आयोजन से किसानों और कृषि वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों के बीच की दूरी कम हुई है। राज्य सरकार के इस आयोजन से कृषि वैज्ञानिकों को किसानों की वास्तविक परिस्थिति को समझने में आसानी हुई है। इतना ही नहीं, उन्हें किसानों की समस्याओं के अनुरूप शोध करने में भी सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि कृषि महोत्सव कार्यक्रम प्रधानमंत्री के एक अनूठे विजन से देशभर में शुरू हुआ एक अनन्य कार्यक्रम है, जिसके माध्यम से गुजरात के किसानों की आय में भी कई गुना वृद्धि हुई है। कृषि मंत्री ने अधिक से अधिक किसानों से इस रबी कृषि महोत्सव में हिस्सा लेने का अनुरोध किया। कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि इस दो दिवसीय महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न तकनीकी मार्गदर्शन सेमिनार, प्राकृतिक खेती का निदर्शन, आधुनिक कृषि टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन, प्राकृतिक कृषि के मॉडल फॉर्म का दौरा और पशु स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया है। इसके साथ कार्यक्रम के दौरान राज्य के प्रगतिशील किसानों को सरदार पटेल कृषि संशोधन पुरस्कार और ‘आत्मा’ बेस्ट फार्मर के पुरस्कार से भी नवाजा जाएगा।

इसके अलावा, कृषि यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को प्राकृतिक एवं टिकाऊ खेती, खेती और बागवानी फसलों में मूल्य संवर्धन, बागवानी फसलों के साथ मिश्रित खेती, प्राकृतिक खेती, प्रिसिजन यानी सटीक खेती, कृषि और बागवानी फसलों में आधुनिक तकनीक के विषय में मार्गदर्शन, श्री अन्न यानी मिलेट फसलों में मूल्य संवर्धन और सफल पशुपालन जैसे विभिन्न विषयों पर किसानों को मार्गदर्शन दिया जाएगा। इसके साथ ही, राज्य सरकार ने किसानों को संबंधित क्षेत्रों में होने वाली फसलों के संबंध में मार्गदर्शन देने और उनकी समस्याओं का समाधान करने का भी आयोजन किया है। उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय महोत्सव में गुजरात को कृषि क्षेत्र में नंबर-1 बनाने के लिए चिंतन और विभिन्न प्रयास किए जाएंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय