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सोनभद्र, 03 दिसंबर (हि.स.)। विशेष न्यायाधीश अर्चना रानी की अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए साढ़े 16 वर्ष से जेल में निरुद्ध हार्डकोर नक्सली मुन्नू पाल को 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा दी हैै। अर्थदंड न देने पर दाेषी काे एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी। उसके विरुद्ध गैंग चार्ट में सोनभद्र व चंदौली जिले के विभिन्न थानों में हत्या समेत 10 मुकदमें दर्ज हैं।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, प्रभारी निरीक्षक जैनेंद्र कुमार सिंह ने चोपन थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 15 अप्रैल 2008 को पुलिस बल के साथ देखभाल क्षेत्र में था तो पता चला कि 25 फरवरी 2008 को गिरफ्तार हार्डकोर नक्सली मुन्नू पाल उर्फ रमेश उर्फ कवि जी पुत्र भरत पाल निवासी विशेश्वरपुर, थाना नौगढ़, जिला चंदौली का एक सक्रिय गैंग है। वाह गैंग का लीडर है। इसके अलावा गैंग के सक्रिय सदस्यों के साथ मिलकर आर्थिक लाभ के लिए वर्ष 2004 से ही सोनभद्र व चंदौली जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में अपराध करता और सदस्यों से करवाता है। उसके विरुद्ध हत्या, डकैती, हत्या का प्रयास समेत 10 मुकदमे दर्ज हैं। लोगों में भय पैदा कर आर्थिक लाभ के लिए कार्य करना उसका एकमात्र कार्य है। यही वजह है कि उसके विरुद्ध कोई भी मुकदमा लिखवाने अथवा गवाही देने की जुर्रत नहीं करता है, जिसकी वजह से उसका वर्चस्व कायम है। इस तहरीर पर चोपन थाने में गैंगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज की गई थी। विवेचना के उपरांत पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में गैंग लीडर हार्डकोर नक्सली मुन्नू पाल के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी गैंग लीडर हार्डकोर नक्सली मुन्नू पाल को 10 वर्ष की कठोर कैद की सजा सुनाई है।
हिन्दुस्थान समाचार / पीयूष त्रिपाठी