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नई दिल्ली, 29 दिसंबर (हि.स.)। भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (इंड-ऑस ईसीटीए) ने सफलता के दो वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह पारस्परिक विकास को बढ़ावा देता है और दोनों अर्थव्यवस्थाओं की पूरकता को दर्शाता है। इंड-ऑस ईसीटीए ने व्यापार संबंधों को बहुत आगे बढ़ाया है, दोनों देशों में एमएसएमई, व्यवसायों और रोजगार के लिए नए अवसर पैदा किए हैं और साथ ही उनकी आर्थिक साझेदारी की नींव को मजबूत किया है। अपने तीसरे वर्ष में केन्द्र सरकार भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री के विज़न 2047 को साकार करने के लिए आपसी समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मजबूत सहयोग और अभिनव पहलों के माध्यम से इस गति को बनाए रखने के लिए समर्पित है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार इस समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद से द्विपक्षीय व्यापार दोगुना से भी अधिक हो गया है। यह 2020-21 में 12.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। हालांकि, कुल व्यापार वर्ष 2023-24 में घटकर 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया को भारत का निर्यात 14 प्रतिशत बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष में भी मजबूती देखने को मिल रही है। अप्रैल-नवंबर 2024 तक कुल द्विपक्षीय व्यापार 16.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
दोनों देशों के बीच तरजीही आयात डेटा का आदान-प्रदान शुरू हो गया है जो 2023 में समझौते के प्रभावी कार्यान्वयन को इंगित करता है। डेटा से पता चलता है कि निर्यात उपयोग 79 प्रतिशत और आयात उपयोग 84 प्रतिशत है।
कपड़ा, रसायन और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में पर्याप्त वृद्धि हुई है जबकि हीरे जड़े सोने और टर्बोजेट सहित नई लाइनों पर निर्यात समझौते द्वारा विविधता को दर्शाता है। धातु अयस्कों, कपास, लकड़ी और लकड़ी के उत्पादों जैसे आवश्यक कच्चे माल के आयात ने भारत के उद्योगों को बढ़ावा दिया है। यह साझेदारी में बराबरी को दर्शाता है। इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में वृद्धि की संभावना है।
इस सफलता के आधार पर, भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) में अब प्रगति हो रही है। इसमें अब तक 10 औपचारिक दौर और अंतर-सत्रीय चर्चाएँ हो चुकी हैं। सीईसीए, ईसीटीए द्वारा रखी गई नींव पर आधारित है। यह द्विपक्षीय व्यापार एजेंडे को और भी अधिक महत्वाकांक्षा के साथ आगे बढ़ाता है। भारत-ऑस्ट्रेलिया सीईसीए पर हाल ही में 4 से 6 दिसंबर 2024 तक नई दिल्ली में एक समीक्षा की गई। इसमें प्रगति का आकलन किया गया और आगे का रास्ता तय किया गया।
दोनों पक्ष ईसीटीए द्वारा हुई प्रगति को आगे बढ़ाने, गहन आर्थिक एकीकरण को आगे बढ़ाने और भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक व्यापार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया साथ मिलकर अपनी आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने, आपसी समृद्धि को बढ़ावा देने और अधिक लचीली और गतिशील वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए तैयार हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा