बीएचयू में कर्मचारियों को दिया गया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर प्रशिक्षण
-चैट जीपीटी के जरिए कार्यालय संचालन को आसान बनाने का तरीका भी सिखाया वाराणसी,28 दिसम्बर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू)के अफसरों और कर्मचारियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर प्रशिक्षण दिया गया। कर्मचारी विकास प्रकोष्ठ (एसडीसी) की पहल पर व
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-चैट जीपीटी के जरिए कार्यालय संचालन को आसान बनाने का तरीका भी सिखाया

वाराणसी,28 दिसम्बर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू)के अफसरों और कर्मचारियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर प्रशिक्षण दिया गया। कर्मचारी विकास प्रकोष्ठ (एसडीसी) की पहल पर वर्क स्मार्ट: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/ चैट जीपीटी इन डेली ऑफिस ऑपरेशन्स विषय की व्यावहारिक जानकारी देने के साथ कार्य करने का तरीका भी बताया गया। बताया गया कि कर्मचारियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से कार्यों को सरल बनाने और कार्यस्थल की दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत समन्वयक, एसडीसी प्रो. एस.के. दुबे ने की। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और आधुनिक कार्यस्थल में एआई के बढ़ते महत्व पर चर्चा की। उन्होंने प्रतिभागियों को सत्र से पूरा लाभ उठाने और कार्यालय संचालन को बेहतर बनाने के लिए एआई -आधारित उपकरणों का उपयोग करने की सलाह दी। सत्र का संचालन राज कुमार सोनी, सहायक रजिस्ट्रार, एसडीसी के सदस्य और आईजीओटी कर्मयोगी के नोडल अधिकारी ने किया। सत्र में ही राज कुमार सोनी ने एआई के बुनियादी सिद्धांतों पर विस्तृत जानकारी दी, जिसमें उन्होंने बताया कि एआई कैसे काम करता है।

उन्होंने भाषा मॉडल, छवि पहचान मॉडल और भाषण पहचान मॉडल के बारे में बताया, जो बोली गई भाषा को पाठ में बदलने में मदद करते हैं। प्रतिभागियों ने एआई के विभिन्न अनुप्रयोगों को समझा, जैसे कि भविष्यवाणी और निर्णय लेने के मॉडल, भावना विश्लेषण, जनरेटिव मॉडल्स और डेटा विश्लेषण मॉडल्स, जो बड़ी डेटा को समझने और पैटर्न पहचानने में मदद करते हैं।

सत्र में चैट जी पीटी की क्षमताओं पर भी चर्चा की गई। जिसमें यह दिखाया गया कि चैट जीपीटी ई—मेल कैसे लिखता है, डेटा को तालिकाओं में व्यवस्थित करता है, रिपोर्ट तैयार करता है, जटिल सवालों का जवाब देता है, भाषाओं का अनुवाद करता है और विभिन्न प्रकार की सामग्री तैयार करता है। प्रतिभागियों ने चैट जीपीटी का उपयोग करने की तकनीक को समझने के लिए व्यावहारिक गतिविधियों में भाग लिया।

माइक्रोसॉफ्ट को—पायलट और एडोबी फायर फ्लाई जैसे उपकरणों के बारे में भी बताया गया और मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग के कार्यालय में उपयोग की जानकारी दी। सत्र का समापन एक सवाल-जवाब सत्र और व्यावहारिक आकलन के साथ हुआ। जिसमें प्रतिभागियों ने अपने सीखे गए कौशल का उपयोग करके सवालों का जवाब दिया और पेशेवर दस्तावेज़ तैयार किए।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी