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ढाका, 28 दिसंबर (हि.स.)। पाकिस्तान से आए बड़े पैमाने पर विस्फोटकों का जखीरा बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पर उतरने की खबर ने भारत के लिए नई चिंता खड़ी कर दी है। ये विस्फोटक, जिन्हें 'सिस्मिक इमल्शन' के नाम से जाना जाता है, बड़े निर्माण कार्यों को ध्वस्त करने और भारी जनहानि करने में सक्षम हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इन विस्फोटकों को बांग्लादेश के आतंकवादी संगठनों तक पहुंचाने की योजना बना रही है, जिसका उपयोग भारत के पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में अशांति फैलाने के लिए किया जा सकता है।
पाकिस्तानी जहाज से पहुंचा विस्फोटकअवामी लीग ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इस मामले को उजागर किया। इसके मुताबिक 21 दिसंबर को कराची से आए पाकिस्तानी जहाज में ये विस्फोटक चटगांव बंदरगाह पर लाए गए। बंदरगाह के एक अधिकारी ने इन कंटेनरों की तस्वीरें जारी कीं, जिन पर लाल रंग में 'विस्फोटक' लिखा हुआ था। हालांकि, बांग्लादेश की नौसेना ने इन कंटेनरों को कुछ घंटों के लिए रोका लेकिन बाद में इन्हें अज्ञात कारणों से छोड़ दिया गया।
यह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश में पाकिस्तानी हथियारों का जखीरा मिला है। 2004 में भी चटगांव के सीयूएफएल घाट से 10 ट्रक हथियार जब्त किए गए थे, जो पाकिस्तान से बांग्लादेश लाए गए थे। तब असम का आतंकी नेता परेश बरुआ इन हथियारों के उपयोग करने की योजना बना रहा था।
मौजूदा सरकार के कार्यकाल में बांग्लादेश में कट्टरपंथ तेजी से बढ़ा है। यूनुस सरकार ने पाकिस्तान के साथ मित्रता को नया आयाम दिया है और पाकिस्तानी जहाजों को बांग्लादेश के बंदरगाहों तक पहुंचने की अनुमति दी है। सूत्रों के अनुसार, आईएसआई सीधे बांग्लादेश के आतंकवादी संगठनों को हथियार और धन उपलब्ध करा रहा है।
भारत के लिए बढ़ती चिंता'अंसारुल्ला बांग्ला टीम' जैसे बांग्लादेश के आतंकवादी संगठन पहले ही असम, पश्चिम बंगाल और मेघालय जैसे राज्यों में पैठ बना चुके हैं। अब चटगांव में पाकिस्तानी हथियारों का मिलना यह साफ करता है कि आईएसआई बांग्लादेश को भारत में आतंक फैलाने के लिए मोहरे के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
यह मामला भारत के लिए सुरक्षा के लिहाज से अत्यधिक चिंताजनक है और इससे दोनों देशों के संबंधों में नया तनाव पैदा हो सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर