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नई दिल्ली, 27 दिसंबर (हि.स.)। भारत में अमेरिकी दूतावास और उसके वाणिज्य दूतावास ने लगातार दूसरे वर्ष दस लाख से अधिक गैर-आप्रवासी वीज़ा जारी करके नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह भारतीय नागरिकों की पर्यटन, व्यापार, शिक्षा, चिकित्सा उपचार और अन्य उद्देश्यों के लिए अमेरिका यात्रा को रेखांकित करती है। गैर-आप्रवासी वीज़ा इन तमाम यात्राओं के लिए अमेरिका में प्रवेश की सुविधा प्रदान करता है।
अमेरिकी दूतावास ने शुक्रवार को आधिकारिक बयान में कहा कि पिछले चार वर्षों में भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या में पांच गुना वृद्धि हुई है और 2024 के पहले 11 महीनों में दो मिलियन से अधिक भारतीयों ने अमेरिका की यात्रा की है, जो 2023 की इसी अवधि की तुलना में 26 प्रतिशत की वृद्धि है।
पांच मिलियन से अधिक भारतीयों के पास पहले से ही संयुक्त राज्य अमेरिका जाने के लिए गैर-आप्रवासी वीज़ा है और मिशन प्रत्येक दिन हजारों और लोगों को जारी करता है।
बयान में कहा गया है कि अमेरिकी विदेश विभाग ने इस वर्ष अमेरिका में एच-1बी वीजा को नवीनीकृत करने के लिए एक सफल पायलट कार्यक्रम पूरा किया। इसने भारत के कई विशेष व्यवसाय श्रमिकों को संयुक्त राज्य अमेरिका छोड़े बिना अपने वीजा को नवीनीकृत करने की अनुमति दी। इस पायलट कार्यक्रम ने हजारों आवेदकों के लिए नवीनीकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया, और विदेश विभाग 2025 में औपचारिक रूप से अमेरिका-आधारित नवीनीकरण कार्यक्रम स्थापित करने के लिए काम कर रहा है।
अमेरिकी मिशनों ने हजारों अप्रवासी वीजा भी जारी किए हैं, जिससे कानूनी रूप से परिवार के पुनर्मिलन और कुशल पेशेवरों के प्रवास की सुविधा मिली है। ये अप्रवासी वीजा धारक स्थायी निवासी बन गए हैं। बयान में कहा गया कि अमेरिकी मिशन ने भारत में रहने और यात्रा करने वाले अमेरिकी नागरिकों को 24,000 से अधिक पासपोर्ट और अन्य कांसुलर सेवाएं भी प्रदान की हैं। दूतावास ने 3 लाख से अधिक भारतीय छात्रों को अमेरिकी छात्र वीज़ा भी जारी किया है, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।
अमेरिकी मिशन ने कहा कि 2024 में भारत 2008/2009 शैक्षणिक वर्ष के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय छात्रों को भेजने वाला सबसे बड़ा देश बन जाएगा, जिसमें कुल मिलाकर 331,000 से अधिक छात्र अमेरिका में अध्ययन कर रहे हैं। भारत लगातार दूसरे साल भी अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय स्नातक छात्रों को भेजने वाला सबसे बड़ा देश बना हुआ है। बयान में बताया गया कि भारतीय स्नातकों की संख्या में भी पहले की तुलना में 19 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है और वर्तमान में लगभग 2,00,000 छात्र हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार