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लखनऊ, 27 दिसम्बर(हि. स.)। सिंधी समाज के भीतर चल रहे पारिवारिक, वैवाहिक, संपत्ति विवाद जैसे मामलों को सुलझाने के लिए सिंधी लीगल क्लिनिक का सिंधु भवन में आयोजन हुआ। सिंधी लीगल क्लिनिक के चेयरमैन एवं पूर्व जज श्यामलाल ने शुक्रवार को लीगल क्लिनिक में आए तीन मामलों की सुनवाई की।
लीगल क्लिनिक में सुनवाई के दौरान पूर्व जज श्यामलाल ने कहा कि सिंधी समाज को न्यायालय में जाने से बचाने के लिए लखनऊ में लीगल क्लिनिक के नाम से विवादित प्रकरणों की मध्यस्थता हेतु निस्तारण एवं विधिक केंद्र को चलाया जा रहा है। आज भी लीगल क्लिनिक का आयोजन हुआ, इसमें सिंधी समाज के भीतर चल रहे तीन प्रकरणों को सुना गया और आवश्यक परामर्श देते हुए निस्तारण का प्रयास हुआ।
लीगल क्लिनिक के सदस्यों के रूप में मंचस्थ कानूनी मामलों के एक्सपर्ट राजा राम भगवानी और सिंधु ट्रस्ट के सचिव दीपक लालवानी ने बताया कि आज हुई सुनवाई में एक मामला सिंधी समाज के दो भाइयों के दुकान का आया। इसमें एक भाई के गुजरने के बाद विवाद की स्थिति बनी। तभी पहले भाई को दुकान का नाम चाहिए था और दूसरे भाई के परिवार को लाभांश का हिस्सा। नाम और दाम के इस प्रकरण में लीगल क्लिनिक में सुनवाई हुई। इसी तरह दो और भी मामलों में सुनवाई हुई, जिसमें भी निष्कर्ष निकालने का प्रयास किया गया।
सिंधी लीगल क्लिनिक के दो और सदस्य नारायण दास चंदवानी और सतेंद्र कुमार भावनानी ने इस महत्वपूर्ण लीगल क्लिनिक के नियम व महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि सिंधी समाज शांति का प्रतीक रहा है और किसी मामले में उलझना नहीं चाहता है। लीगल क्लिनिक के माध्यम से दो पक्षों में आपसी सहमति बनाने का कार्य किया जा रहा है।
क्लिनिक के सदस्यों ने कहा कि क्लिनिक का कार्यालय सिंधु भवन है और यही समस्त वाद विवाद मामलों को सुलझाया जाता है। जिस दिन लीगल क्लिनिक का आयोजन होता है, उस दिन पीड़ित पक्षकारों को सुनवाई के लिए बुलाया जाता है। इसी में दूसरे पक्षकारों को भी सुनने के लिए बुलाते है, बाद सुलह समझौता करा प्रकरण का निस्तारण होता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र