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कोटपूतली (राजस्थान), 27 दिसंबर (हि.स.)। कोटपूतली के किरतपुरा के बड़ियाली की ढाणी में पांच दिन से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक सफलता नहीं मिल सकी है। तीन वर्षीय चेतना 23 दिसंबर को 700 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी। वह 120 फीट की गहराई में फंसी हुई है। रेस्क्यू ऑपरेशन की अब तक की विफलता से परिवार और ग्रामीणों में भारी नाराजगी है।
अब तक बोरवेल के समानांतर 170 फीट गहरा गड्ढा खोदा जा चुका है। इसमें पाइप डालकर रैट माइनर्स को नीचे उतारा जाएगा। रैट माइनर्स इस गड्ढे से बोरवेल तक 20 फीट लंबी सुरंग खोदकर चेतना तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। हालांकि, रेस्क्यू में देरी और गुरुवार रात से हो रही बारिश के कारण काम प्रभावित हो रहा है। आज सुबह 9:30 बजे तक 170 फीट गहरे गड्ढे में 162 फीट लंबा पाइप लगाया जा चुका है। अब एक आठ फीट लंबा पाइप लगाया जाएगा। इसके बाद रैट माइनर्स को उतारा जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, आज सुबह तक पाइप और वेल्डिंग का काम पूरा कर लिया गया है। प्रशासन ने बच्ची के भूखे-प्यासे होने और मूवमेंट न करने को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। चेतना की मां बेहोशी की हालत में है और परिवार के अन्य सदस्य रो-रोकर बेहाल हैं। ग्रामीणों और परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यदि समय पर कार्रवाई होती, तो बच्ची को बचाया जा सकता था।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेशभर में खुले बोरवेल बंद करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को सड़क सुरक्षा की समीक्षा बैठक में उन्होंने बोरवेल हादसों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि 14 साल पहले जारी की गई गाइडलाइन को लागू करने में अधिकारियों ने लापरवाही बरती।
सुप्रीम कोर्ट ने पहली फरवरी 2010 को बोरवेल में गिरने की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए थे। बावजूद इसके लापरवाही के चलते ऐसे हादसे जारी हैं। दौसा में इसी महीने नौ दिसंबर को आर्यन नामक बच्चे की बोरवेल में गिरने से मौत हो चुकी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर