धमतरी जिले के 11718 लोगों का हुआ प्रकृति परीक्षण
धमतरी, 27 दिसंबर (हि.स.)। देश का प्रकृति परीक्षण अभियान के तहत जिले के 11718 लोगों के प्रकृति का परीक्षण किया। इस अभियान में जिले के 26 शासकीय चिकित्सकों ने 10218 और सात निजी आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने 1500 लोगों की प्रकृति का परीक्षण किया। जिला आयुष
प्रकृति परीक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशेषज्ञ।


धमतरी, 27 दिसंबर (हि.स.)। देश का प्रकृति परीक्षण अभियान के तहत जिले के 11718 लोगों के प्रकृति का परीक्षण किया। इस अभियान में जिले के 26 शासकीय चिकित्सकों ने 10218 और सात निजी आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने 1500 लोगों की प्रकृति का परीक्षण किया।

जिला आयुष अधिकारी डाॅ सुरेंद्र चंद्राकर ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया क‍ि शासकीय आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए जिला समन्वयक डाॅ रविंद्र कुमार वर्मा और निजी आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए जिला समन्वयक दिनेश कुमार नाग के मार्गदर्शन में देश के प्रकृति परीक्षण अभियान के माध्यम से आम नागरिकों, विभिन्न शासकीय और निजी संस्थाओं, ग्राम पंचायतों, आयुष अस्पतालों, महाविद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों आदि जगहों पर शिविर लगाकर आयुर्वेद चिकित्सकों ने प्रकृति का परीक्षण किया। यह अभियान 26 नवंबर से 25 दिसंबर तक चलाया गया। जिसमें 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का प्रकृति परीक्षण किया गया। इस अभियान में डाक्टरों की टीम ने आम लोगों से मिलकर प्रकृति परीक्षण मोबाइल एप के माध्यम से प्रकृति का परीक्षण किया। इस एप में लाग इन के लिए सिटीजन और वालंटियर के विकल्प दिए गए थे। आम नागरिक ने सिटीजन लाग इन में मोबाइल नंबर डालकर ओटीपी के माध्यम से प्रवेश किया।

क्यूआर जनरेट हो रहा: इसमें आम नागरिक की सामान्य जानकारी के बाद एक क्यूआर जनरेट हुआ। इसको स्कैन कर वालंटियर (आयुर्वेद चिकित्सक) ने आम नागरिक के वजन, ऊंचाई, त्वचा, नाखून, दांत, खाने में गर्म या ठंडा क्या पसंद है, पसंदीदा खाना आदि की जानकारी एप में भरने के बाद शपथ लिया कि संकल्प स्वास्थ्य का, आधार आयुर्वेद का। इसके बाद पूरा जानकारी को सबमिट करने के बाद आम नागरिक के आयुर्वेद के अनुसार उनकी प्रकृति का परीक्षण किया गया। जिसमें सात प्रकृति कफ, वात, पित्त, कफ - वात, कफ - पित्त, वात - पित्त और कफ - वात - पित्त प्रकृति आम लोगों में मिली। इस प्रकृति के अनुसर इन्हें खाने का, सोने और आराम करने, व्यायाम, दैनिक दिनचर्या ऋतु के अनुसार खानपान आदि की सलाह आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दी गई।

शरीर में सात प्रकार की प्रकृति होती है।

प्रकृति परीक्षण अभियान के जिला समन्वयक डाॅ रविंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार शरीर में सात प्रकार की प्रकृति होती है। उस प्रकृति के हिसाब से वह शारीरिक और मानसिक व्यवहार करता है। प्रकृति परीक्षण के माध्यम से इनकी प्रकृति को जान कर इसके अनुसार खानपान और जीवन शैली में बदलाव लाने के बारे में बताया गया। जीवन शैली में बदलाव लाकर ही बीपी, शुगर आदि रोगों से बचा जा सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा