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धर्मशाला, 27 दिसंबर (हि.स.)। जाने माने अर्थशास्त्री व देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. डॉ मनमोहन सिंह बेशक आज हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन हिमाचल प्रदेश खासकर जिला कांगड़ा हमेशा उनके योगदान को याद रखेगा। प्रधानमंत्री रहते हुए यूं तो हिमाचल को उन्होंंने कई सौगाते दी थी, लेकिन अगर जिला कांगड़ा की बात करें तो हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विवि उनकी सबसे बड़ी सौगात थी। उनके कार्यकाल में सीयू धर्मशाला के लिए मिली थी जिसकी घोषणा तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने रैली के दौरान शिमला के रिज मैदान से की थी। हालांकि यह अलग बात है कि सियासी खींचतान के चलते जहां इसके दो कैंपस बना दिए गए वहीं यह यूनिवर्सिटी आज भी मूर्त रूप नहीं ले सकी है, जबकि इसके साथ जिन राज्यों को यूनिवर्सिटी मिली थी, वे पूरी होकर संचालित हैं।
गौर हो कि साल 2011 में केंद्रीय विवि का शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह से करवाने का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन यह प्रस्ताव सिरे नहीं चढ़ पाया और वह धर्मशाला नहीं आ सके।
टांडा को सुपरस्पशेलिटी बनाने में भी अहम रहा योगदान
कांगड़ा जिला के टांडा मेडिकल कालेज को सुपरस्पशेलिटी बनाने का सुझाव भी स्व. डॉ मनमोहन सिंह का था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पशुपालन एवं कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की सादगी जितनी लाजवाब थी, उनका विजन उससे भी बेमिसाल था। चंद्र कुमार ने कहा कि मैंने एक बार उनसे टांडा मेडिकल कॉलेज को एम्स बनाने का आग्रह किया था तो उन्होंने कहा था कि एम्स अलग से बनेगा। किसी भी अस्पताल को अपग्रेड करके नहीं बनाया जाएगा, इसलिए उन्होंने आश्वासन दिया था कि टांडा सुपर स्पेशलिटी बनाया जाएगा और बाद में उनके कहने पर ही इसे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाया गया।
पालमपुर की चुनावी रैली में आए थे डॉ मनमोहन सिंह
प्रो. चंद्र कुमार ने बताया कि मनमोहन सिंह एक बार जिला कांगड़ा भी आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि मनमोहन सिंह एक चुनावी रैली के दौरान पालमपुर आए थे, हालांकि उस समय वह प्रधानमंत्री नहीं थे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया