(वार्षिकी) केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के गठन के बाद वर्ष 2024 में बिहार के विकास को लगे पंख
पटना, 26 दिसम्बर (हि.स.)। वर्ष 2024 को अलविदा होने में चंद दिन शेष रह गए हैं। वैसे तो बिहार के लिए यह साल कई मायनों में खास रहा है लेकिन केंद्र में बीते 10 जून को भारतीय जनता पार्टी नीत राजग सरकार के गठन के बाद से बिहार के विकास को जैसे पंख लग गए
(वार्षिकी) केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के गठन के बाद वर्ष 2024 में बिहार के विकास को लगे पंख


पटना, 26 दिसम्बर (हि.स.)।

वर्ष 2024 को अलविदा होने में चंद दिन शेष रह गए हैं। वैसे तो बिहार के लिए यह साल कई मायनों में खास रहा है लेकिन केंद्र में बीते 10 जून को भारतीय जनता पार्टी नीत राजग सरकार के गठन के बाद से बिहार के विकास को जैसे पंख लग गए हैं। कुल मिलाकर कहें तो यह साल बिहार के लिए उपलब्धियों से भरा रहा है।

बिहार के लिए विशेष पैकेज

वर्ष 2024 के आम बजट में बिहार को केंद्र सरकार से विशेष पैकेज मिला। बिहार के लिए 60,000 करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया गया, जिसमें 26,000 करोड़ रुपये एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए और 11,500 करोड़ रुपये बाढ़ प्रबंधन के लिए आवंटित किए गए। दरभंगा में एम्स का शिलान्यास और बिहार में 5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा जैसे कदम आने वाले दिनों में बिहार के विकास में महत्वपूर्ण साबित होंगे।

01 लाख 50 हजार करोड़ की लागत से बनेगा एक्सप्रेस-वे

बिहार की समृद्धि और विकास के लिए दो बड़े ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा। इसमें पहले एक्सप्रेस-वे पर करीबन 15 हजार करोड़ रुपये की लागत आयेगी। इससे 367 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे बनेगा। इसके अन्तर्गत उत्तर बिहार के पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय और दक्षिण बिहार के दो जिले लखीसराय, जमुई शामिल हैं। दूसरा एक्सप्रेस-वे 20 हजार करोड़ को होगा। बिहार में कुल 11 आरओबी बनेंगे। इसमें जहानाबाद, विक्रमगंज, नवादा, मधुबनी, कटिहार, मुंगेर, चंपारण शामिल हैं।

आरा-बक्सर एक्सप्रेस-वे पर 8000 हजार करोड़ रुपये खर्चे जायेंगे, जो 168 किलोमीटर लम्बा होगा। यह प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य सितम्बर, 2025 तक है।

इसके अलावा पटना-बेतिया ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे 7000 करोड़ की लागत से 171 किलोमीटर का है, जिसका पूरा करने का लक्ष्य, 2026 तक है। मुंगेर से विध्यांचल कॉरिडोर की लागत 7000 करोड़ रुपये है। पूरा करने का लक्ष्य दिसम्बर, 2024 तक है। इसके साथ गंगा नदी पर 9.50 किलोमीटर लंबा छह लेन पुल का निर्माण भी शामिल है।

उत्तर बिहार को पटना से जोड़ने के लिए 30 हजार करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण होगा, जिसको पूरा करने का लक्ष्य 2027 तक का है।

बुद्ध सर्किट से जुड़ी बिहार की परियोजनाएं आने वाले कुछ महीने के अंदर पूरी हो जाएंगी। रामजानकी मार्ग के तहत 240 किलोमीटर लंबी परियोजना के तहत 90 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण अगले वर्ष फरवरी में पूरा हो करने का लक्ष्य निर्धारित है। शेष 160 किमी लंबी सड़क के लिए मार्च 2025 तक डीपीआर बना लिया जाएगा।

इसके अलावा 21,000 करोड़ रुपये की राशि से पीरपैती में 2,400 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट और गया में औद्योगिक पार्क की योजना भी बनाई गई। इस उद्योग पार्क में 800 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी, जो लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करेगा।

लटकी परियोजनाओं को हरी झंडी वर्ष 2024 में बिहार की कई लंबित परियोजनाओं को गति मिली। पूर्णिया और बिहटा एयरपोर्ट, दरभंगा एम्स और सड़क परियोजनाओं का रास्ता साफ हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहां दरभंगा में एम्स के निर्माण का शिलान्यास किया, वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बिहार में 5 लाख करोड़ रुपये रोड सेक्टर में खर्च करने की घोषणा की।

बिहार में बड़े प्रोजेक्ट्स की शुरुआत इस वर्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई नई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें पटना मरीन ड्राइव (दीघा से पटना सिटी तक), सिमरिया रिवर फ्रंट, राजगीर में बिहार का पहला खेल विश्वविद्यालय और अंतरराष्ट्रीय खेल स्टेडियम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त बिहार में ग्रामीण सड़कों के सुधार के लिए 25,000 करोड़ रुपये खर्च करने का भी निर्णय लिया गया।

वर्ष 2024 बिहार के लिए विकास और समृद्धि का वर्ष साबित होगा। केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार ने फैसले लिए हैं, उनका प्रभाव स्पष्ट रूप से आने वाले वर्षों में दिखेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी