गांव-गांव स्वरोजगार की अलख जगा रही फूलांती विकास समिति 
- आत्मनिर्भरता की मिसाल, स्वावलंबन की नई परिभाषा गढ़ रही समिति - उन्नत किसान-सशक्त मातृशक्ति, युवाओं के सपनों को दे रही पंख ज्योतिर्मठ, 26 दिसंबर (हि.स.)। सीमांत पैनखंडा ज्योतिर्मठ-जोशीमठ क्षेत्र में फूलांती विकास समिति ने युवाओं और महिलाओं को आत्मन
फूलांती विकास समिति की महिलाएं।


- आत्मनिर्भरता की मिसाल, स्वावलंबन की नई परिभाषा गढ़ रही समिति

- उन्नत किसान-सशक्त मातृशक्ति, युवाओं के सपनों को दे रही पंख ज्योतिर्मठ, 26 दिसंबर (हि.स.)। सीमांत पैनखंडा ज्योतिर्मठ-जोशीमठ क्षेत्र में फूलांती विकास समिति ने युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है। समिति ने अब तक क्षेत्र के 10 ग्राम संगठनों का गठन कर विभिन्न गांवों, नगर के वार्डों और शिक्षण संस्थानों में उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए हैं। यूकास्ट के सहयोग से समिति ने वृक्षारोपण, संगोष्ठी, श्रीअन्न कार्यक्रम के तहत प्रसाद और मिष्ठान निर्माण, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता अभियान और जल, जंगल, जमीन बचाने के प्रयासों को मजबूती दी है। साथ ही राज्य स्तरीय स्टॉलों के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।स्वरोजगार को बढ़ावा समिति ने रिंगाल, ऊनी और काष्ट उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए। इनमें टोकरी, डलिया, हथकंडी, ऊनी आसन, पंखी, चुकटा और काष्ठ उत्पाद निर्माण जैसी तकनीकों को शामिल किया गया।प्रेरणा का स्रोत बनी समिति शिक्षण संस्थानों और ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देने वाली यह समिति 2022 में यूकास्ट की प्रेरणा से स्थापित हुई। समिति के अध्यक्ष भाल चंद्र चमोला ने बताया कि उन्नत किसान, सशक्त मातृशक्ति के उद्देश्य के साथ यह संगठन क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए व्यापक कार्य कर रहा है। चमोला ने विभिन्न ग्राम और नगर संगठनों के साथ-साथ प्रबुद्धजनों का आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में भी सुझाव और सहयोग की अपेक्षा की। फूलांती विकास समिति की यह मुहिम क्षेत्र में स्वरोजगार और सामाजिक उत्थान का एक सशक्त उदाहरण बन चुकी है।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रकाश कपरुवाण