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भोपाल, 26 दिसम्बर (हि.स.) । उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अंतर्गत ईको-सेंटर, ताला में गुरुवार को हाथी-मानव द्वंद प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला अध्ययन प्रवास, समीक्षा और भविष्य के रणनीति निर्धारण पर आधारित थी। कार्यशाला में प्रवास पर गये दल प्रभारियों द्वारा जंगली हाथियों के प्रबंधन विषय पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया गया। प्रेजेंटेशन में रहवास विकास, मानव-वन्य-प्राणी द्वंद को कम करने के उपाय, कॉरिडोर मैनेजमेंट, 24×7 कंट्रोल रूम, ई-निगरानी, जन-जागरूकता और विभिन्न आधुनिक तकनीकों को सम्मिलित किया गया।
कार्यशाला में विभिन्न वन मण्डलों के वन मण्डलाधिकारियों ने उनके वन मण्डल में जंगली हाथी प्रबंधन, हाथी मूवमेंट और हाथी-मानव द्वंद संबंधित प्रेजेंटेशन दिया। डब्ल्यू.आर.सी.सी.एस. एवं डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ. द्वारा भी हाथी-मानव द्वंद के संबंध में प्रेजेंटेशन दिया गया। कार्यशाला में समस्त प्रतिभागियों द्वारा अपने अनुभव साझा किये गये। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव शुभरंजन सेन एवं अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव एल. कृष्णमूर्ति द्वारा हाथी-मानव द्वंद में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हाथी मित्र दलों को पुरस्कृत किया गया।
इस दौरान क्षेत्र संचालक, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, संजय टाइगर रिजर्व, वन मण्डलाधिकारी सतना, मण्डला, कटनी, शहडोल, उत्तर शहडोल, डिण्डौरी, अनूपपुर, उमरिया एवं अध्ययन प्रवास पर गये उप वन मण्डलाधिकारी एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी-सह-डब्ल्यू.आर.सी.एस., डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ. (एनजीओ) आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत