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जयपुर, 26 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को वीर बाल दिवस पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में शब्द कीर्तन कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार साहिबजादों के नाम पर छात्रावास के लिए सिख समाज को जमीन आवंटित करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों ने मातृ भूमि, संस्कृति और विचारों के लिए दृढ़ता के साथ जीवन का बलिदान कर दिया। ऐसे में उनको मेरा कोटि-कोटि नमन। बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने धर्म की रक्षा और सत्य के लिए अल्प आयु में ही प्राण न्यौछावर कर दिए, यह हम सब के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
शर्मा ने कहा कि अत्याचारी मुगल शासकों ने उन्हें झुकाने और उनका धर्म परिवर्तन करवाने के लिए अनेक अत्याचार किए लेकिन राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए साहिबजादो ने हंसते हुए मृत्यु को गले लगा लिया। साहिबजादों की शहादत हमें बताती है कि धर्म के मार्ग पर चलने के लिए उम्र नहीं, दृढ संकल्प और साहस की आवश्यकता होती है। सीएम शर्मा ने कहा कि ऐसी माता को भी नमन, जिसने अपने बच्चों में राष्ट्र और धर्म के लिए ऐसे संस्कार-शिक्षा दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का संकल्प है कि सिख धर्म के इन साहिबजादों के बलिदान को देश की युवा पीढ़ी को बताया जाए और इनके आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया जाए। भाजपा ने हमेशा सिख धर्म और उनकी विरासत का सम्मान किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साहिबजादों की शहादत को राष्ट्रीय बाल दिवस घोषित कर उनकी स्मृति को चिर स्थाई बनाने की दिशा में सराहनीय कार्य किया है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी का यह प्रयास हमारी सांस्कृतिक धरोवर को संजोने और आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। हमें भी वीर साहिबजादों के आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि मुगलों ने इस्लाम धर्म कबूल करवाने के लिए साहिबजादों को यातनाएं दी। यह मासूम बच्चों पर दुख की पराकाष्ठा थी। मुगलों ने इन्हें यातनाएं देकर झुकने के लिए मजबूर किया लेकिन उन्होंने सिर झुकाने की बजाय प्राण न्यौछावर करना उचित समझा। ऐसे वीर बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इनकी बहादुरी को महसूस किया और बाल दिवस मनाने की घोषणा कर दी। एक ओर नेहरू के जन्म दिवस पर बाल दिवस मनाते थे लेकिन पीएम ने साहिबजादों के शहादत पर बाल दिवस मनाने की घोषणा की। यह परिवर्तन भी स्वागत योग्य है।
राठौड़ ने कहा कि आज समय के अनुसार हमें जाग्रत रहने की आवश्यकता है। समाज को मुगलों द्वारा किए गए आतंक को बताने की आवश्यकता है। साथ ही हम सभी को संगठित और जागरूक रहने की आवश्यकता है। यदि हम सभी एक रहकर समाज को संगठित करके दृढ़ रहेंगे तो किसी की हिम्मत नहीं होगी हमारी ओर गलत नजर से देखे।
कार्यक्रम समिति के प्रदेश संयोजक प्रणवेंद्र शर्मा ने कहा कि भाजपा प्रदेश कार्यालय के साथ प्रदेशभर में वीर बाल दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर