कश्मीर में भीषण शीतलहर, रात के तापमान में गिरावट से पानी की आपूर्ति लाइनें जमीं 
- डल झील सहित कई जल निकायों की सतह पर बर्फ की एक पतली परत जम गई कश्मीर में भीषण शीतलहर की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से कई डिग्री नीचे चला गया है। शुक्रवार और शनिवार को ऊंचाई वाले इलाकों में ह
डल झील जमी


- डल झील सहित कई जल निकायों की सतह पर बर्फ की एक पतली परत जम गई

श्रीनगर, 26 दिसंबर (हि.स.)। कश्मीर में भीषण शीतलहर की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से कई डिग्री नीचे चला गया है। शुक्रवार और शनिवार को ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना है, क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ इस क्षेत्र को प्रभावित करने वाला है। कश्मीर में अधिकांश स्थानों पर रात के तापमान में गिरावट आई है। पारे में गिरावट के कारण पानी की आपूर्ति लाइनें जम गई हैं । डल झील सहित कई जल निकायों की सतह पर बर्फ की एक पतली परत जम गई है।

मौसम विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि श्रीनगर में बुधवार रात को न्यूनतम तापमान शून्य से 7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात के शून्य से 7.3 डिग्री सेल्सियस नीचे के तापमान से थोड़ा ऊपर है। उत्तरी कश्मीर में स्कीइंग गतिविधियों के लिए मशहूर पर्यटक रिसॉर्ट शहर गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान माइनस 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछली रात माइनस 6.6 डिग्री सेल्सियस था। दक्षिण कश्मीर में वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए आधार शिविर पहलगाम में न्यूनतम तापमान माइनस 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछली रात के माइनस 8.4 डिग्री सेल्सियस से थोड़ा कम है। कश्मीर के प्रवेश द्वार काजीगुंड में न्यूनतम तापमान माइनस 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पंपोर क्षेत्र का एक छोटा सा गांव कोनीबल माइनस 9 डिग्री सेल्सियस के साथ घाटी में सबसे ठंडा स्थान रहा। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान माइनस 6.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग में माइनस 5.5 डिग्री सेल्सियस रहा।

मौसम विभाग ने कहा है कि शुक्रवार दोपहर से शनिवार दोपहर तक एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर को प्रभावित करेगा। इस वजह से शुक्रवार की दोपहर से लेकर अगले दिन सुबह तक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी होने की संभावना है। 29, 30 और 31 दिसंबर को मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहेगा, जबकि 1-4 जनवरी तक कश्मीर में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बर्फबारी संभव है। कश्मीर में 21 दिसंबर से शुरू हुआ चिल्लई-कलां चरम पर है, जिसे सर्दियों का सबसे कठोर समय माना जाता है। चिल्लई-कलां के 40 दिनों के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और तापमान काफी गिर जाता है। यह अगले साल 30 जनवरी को समाप्त होगा, लेकिन शीत लहर जारी रहेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता