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बिलासपुर, 26 दिसंबर (हि.स.)।छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक मामले पर चीफ जस्टिस ने कहा कमाल हो गया..! क्या तमाशा है..? ये कोई तरीका है..! हद हो गई है..! ये है प्राधिकारियों की चिंता..! ये वो टिप्पणियां हैं जो कि रेलवे के संसाधनों का बेजा इस्तेमाल करने को लेकर अखबार में छपी एक खबर को जनहित याचिका के रूप स्वीकार कर सुनवाई के दौरान कही गई। सुनवाई के दौरान गुरुवार को अखबार में छपी बिलासपुर की एक खबर ने हाई कोर्ट को नाराज होने पर विवश कर दिया।
दरअसल रेलवे क्षेत्र की मुख्य सड़क पर रेलवे कर्मचारियों ने नाली की स्लैब के रूप में ट्रेन में बैठने वाले गद्देदार सीटों का उपयोग किए जाने और रेलवे संसाधनों का बेजा इस्तेमाल करने सहित रेलवे विभाग की लापरवाही और कार्यक्षमता पर सवाल खड़े करते हुए 23 दिसंबर को खबर प्रकाशित की गई थी। जिस पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डबल बैंच ने सुनवाई करते हुए कड़ी टिप्पणी की है। इस मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रखने अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा वीडियो कांफ्रेंस से जुड़े। वहीं इस मामले में पक्ष रखते हुए जवाब के लिए 3 सप्ताह का समय मांगा। कोर्ट ने इस मामले में जिम्मेदार रेलवे अधिकारी से शपथपत्र दाखिल करने आदेश दिया। अगली सुनवाई 13 जनवरी 2025 को निर्धारित की गई है।
हिन्दुस्थान समाचार / Upendra Tripathi