भारत और चीन के बीच हुए समझौते पर नेपाल सरकार की औपचारिक प्रतिक्रिया
काठमांडू, 26 दिसंबर (हि.स.)। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच बीजिंग में हुए सहमति पर नेपाल में उठ रहे विरोध के स्वर के बीच सरकार ने अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है। नेपाल सरकार के प्रवक्ता पृथ्वी स
नेपाल सरकार की कैबिनेट बैठक


काठमांडू, 26 दिसंबर (हि.स.)। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच बीजिंग में हुए सहमति पर नेपाल में उठ रहे विरोध के स्वर के बीच सरकार ने अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है।

नेपाल सरकार के प्रवक्ता पृथ्वी सुब्बा गुरूंग ने गुरुवार को कहा कि भारत और चीन के बीच कैलाश मानसरोवर की यात्रा को लेकर हुए सहमति सिर्फ प्राविधिक होने के कारण इस पर नेपाल सरकार को किसी भी देश से बात करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच जो सहमति सार्वजनिक की गई है, उसमें रास्ते को लेकर कुछ भी उल्लेख नहीं होने के कारण इस पर कोई भी प्रतिक्रिया की आवश्यकता नहीं है।

पिछले 24 घंटे से नेपाल में भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता के बाद जो सात बूंदों पर सहमति हुई है, उसमें 6 नंबर की सहमति में मानसरोवर यात्रा को चीन के तरफ से अनुमति दिए जाने की बात उल्लेख है। लेकिन नेपाली मीडिया से लेकर विभिन्न दलों के नेताओं ने नेपाल से बिना अनुमति के ही नेपाली भूभाग का प्रयोग करते हुए मानसरोवर की यात्रा पर सहमति होने का विरोध किया जा रहा था।

नेपाल में बढ़ते विरोध के माहौल को देखते हुए सरकार ने इस पर अपनी सफाई दी है। गुरुवार की शाम को हुई कैबिनेट बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि यह सहमति सिर्फ प्राविधिक होने के कारण इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास