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- अहमदाबाद के दिव्यांग किशोर ओम व्यास ने गुजरात का नाम रोशन किया
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओम व्यास को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया
- लिम्क बुक ऑफ रिकॉर्ड्स सहित लगभग 18 अलग-अलग रिकॉर्ड बुक्स में ओम की उपलब्धियां दर्ज हैं
अहमदाबाद, 26 दिसंबर (हि.स.)। अहमदाबाद के 17 वर्षीय दिव्यांग किशोर ओम जिग्नेश व्यास ने राष्ट्रीय स्तर पर अपना व अपने परिवार सहित समग्र गुजरात का नाम रोशन किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओम व्यास को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया है। दिव्यांग ओम व्यास को कला एवं संस्कृति क्षेत्र में उसकी अद्वितीय उपलब्धियों के लिए यह राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया है।
यहाँ उल्लेखनीय है कि 26 दिसंबर गुरुवार को वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में नई दिल्ली में आयोजित समारोह में देश के 17 बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान किया गया, जिनमें गुजरात के दिव्यांग बालक ओम जिग्नेश व्यास भी शामिल है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस दिव्यांग बालक ओम व्यास की उपलब्धियों की सराहना करते हुए उसे गुजरात का गौरव बढ़ाने के लिए अभिनंदन भी दिया है। उल्लेखनीय है कि ओम व्यास कुछ समय पहले ही अपने माता-पिता के साथ गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से मिलने के लिए आया था। उस समय भी पटेल उसकी उपलब्धियों से प्रभावित हुए थे और उन्होंने कहा था कि ओम जैसे दिव्यांग बच्चे अन्य दिव्यांग व्यक्तियों के लिए प्रेरक बनेंगे। ओम व्यास की विशेषता की बात करें, तो वह पढ़ या लिख नहीं सकता है, परंतु उसे सुंदर कांड तथा भगवद् गीता के श्लोक सहित संस्कृत के लगभग 2000 श्लोक कंठस्थ हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि ओम को केवल भक्ति गीतों व श्लोकों में ही रुचि है। ओम के लिए मनोरंजन का साधन अर्थात् मात्र आध्यात्मिक भक्ति गीत। ओम की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे उसकी अध्यात्म क्षेत्र के प्रति रुचि भी बढ़ती जा रही है।
ओम को इसके अलावा हनुमान चालीसा, शिवमहिम्न स्तोत्र, शिवमानस पंकजा, राम रक्षा स्तोत्र, शिव तांडव, गायत्री मंत्र, गायत्री चालीसा, साई भवानी के श्लोक तथा मारी हुंडी स्वीकारो महाराज..., शंभू शरणे पडी... आदि जैसे भजन कंठस्थ हैं। और इससे भी बड़े आश्चर्य की बात तो यह है कि ओम व्यास ने ये सब केवल सुनकर कंठस्थ किया है।
ओम व्यास ने अब तक अनेक शो भी किए हैं व अनेक अवॉर्ड, मेडल, ट्रॉफी एवं सर्टिफिकेट से उसका सम्मान किया गया है। ओम के ऐसे टैलेंट के कारण उसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स जैसी अलग-अलग 18 रिकॉर्ड बुक्स में भी दर्ज हो चुका है। दिव्यांग ओम व्यास को वर्ष 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय दिव्यांगजन पुरस्कार भी प्रदान किया था और प्रधानमंत्री ने उसकी प्रशंसा भी की थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय