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भोपाल, 26 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में गुरुवार को दो संत्रों में मंथन-2024 का आयोजन किया गया। सुशासन को दृष्टिगत रखते हुए पूरे दिन चले मंथन शिविर में मध्य प्रदेश को अनेक क्षेत्रों में हब बनाने पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ।
मंथन शिविर में मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने क्या कहा
- टीम भावना से कार्य करने का प्रयास आवश्यक है। युवा, महिला, किसान और गरीब कल्याण पर आज मंथन हुआ है। मंथन शिविर मंत्रीगण और विभागों को कार्यों से यश-प्राप्ति का अवसर भी है। प्रदेश का बजट पांच वर्ष में दोगुना करने का प्रयास है। इस मंथन बैठक के बाद आगामी मंथन विभागीय स्तर पर होगा।
- ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी माह में मध्य प्रदेश आने की सहमति दी है। यह समिट अपेक्षा से अधिक सफल होगी। मंत्रीगण पूरे वर्ष के कार्यों की समीक्षा करें। विभाग स्तर की समीक्षा से यह ज्ञात होगा कि किस क्षेत्र में प्रयास बढ़ाने हैं। समान स्वरूप के कार्य विभाग किस तरह संयुक्त रूप से कर सकते हैं, यह विचार-विमर्श भी किया गया है।
- कुपोषण कम करने के अभियान और 23 जिलों में टीबी नियंत्रण के अभियान सफल हों, ऐसे प्रयास हों। मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी पूर्व की महत्वपूर्ण घोषणाओं और निर्णयों के क्रियान्वयन पर ध्यान दें। सायबर अपराध नियंत्रण के प्रयास बढ़ाने की आवश्यकता है, इसके लिए निर्धारित रणनीति के अमल पर ध्यान दिया जाए।
- मध्य प्रदेश राज्य परिवहन निगम को प्रदेश में पुन: प्रारंभ करने के संबंध में प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। नगरों के विकास के लिए टियर-2 और टियर 3 श्रेणी के अनुसार आबादी के आधार पर अधोसंरचना विकास के लिए भारत सरकार से अधिकतम सहयोग प्राप्त करने के लिए भी मार्ग निकाले जा रहे हैं।
- वृंदावन ग्राम और नगरों में गीता भवनों की योजना को शीघ्र क्रियान्वित किया जाएगा। श्रीकृष्ण पाथेय के विकास और राम वन गमनपथ के कार्यों को गति दी जाएगी। दीर्घ अवधि की योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सिंहस्थ-2028 के आयोजन में भी आश्रमों को स्थाई रूप से भूमि दिए जाने के निर्णय से उज्जैन में आवश्यक सुविधाएं बढ़ेंगी।
- वर्ष-2025 उद्योग वर्ष होगा। नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मंत्रीगण ऐसा कार्य कर दिखाएं जिससे किसानों का विद्युत देयक शून्य हो जाए। सौर ऊर्जा संचालित पम्पों की स्थापना को प्राथमिकता दी जाए। अस्पतालों में बुजुर्ग नागरिकों को सम्मान और सुविधा मिले इसके लिए उनकी पृथक पंक्ति हो ऐसी व्यवस्था करने पर विचार हुआ है। उद्योगों में रात्रिकालीन शिफ्ट को सुरक्षा और सुव्यवस्था के साथ लागू करने पर चर्चा हुई।
- गौ-शालाओं के प्रबंधन को प्राथमिकता दी जा रही है। इंदौर में अभिनव प्रयोग कर मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने गौ-शालाओं में जन्मदिन मनाने की प्रथा को प्रोत्साहित किया है। यह मॉडल प्रदेश में अपनाया जाए। ताकि स्वच्छता के साथ गौमाता के प्रति सम्मान का भाव सशक्त हो। ग्वालियर के पश्चात उज्जैन में सीएनजी संयंत्र स्थापित कर संचालित की जा रही गौ -शालाओं से लाभ मिल रहा है। ऐसी ही गौ-शाला की स्थापना भोपाल में होगी जो लगभग दस हजार क्षमता की होगी। इस गौ-शाला का भूमिपूजन हो चुका है।
- निर्धनता कम करने के महत्वपूर्ण उपाय के रूप में पशुपालन को अपनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। प्रदेश का दुग्ध उत्पादन देश के दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत है। इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है। प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालय बढ़ रहे हैं। इस दृष्टि से स्व-वित्तीय व्यवस्था का मॉडल उपयोग में लाया जाएगा। कृषि क्षेत्र में युवाओं को रोजगार की संभावनाएं साकार करना है।
- प्रदेश में अनेक क्षेत्रों में युवाओं को कार्य मिल रहा है। रोजगार प्राप्त करने वालों के नाम बेरोजगारों की सूची में शामिल रहने की विसंगति को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए पंजीयन प्रक्रिया में सुधार और सूची अपडेट रखने के निर्देश दिए गए हैं। पर्यटन व्यवस्थाओं को उच्च स्तर का बनाए रखें। कमियों को दूर कर और योजना बनाकर कार्य हो। इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं।
- प्रदेश में रेल नेटवर्क के विस्तार का कार्य हो रहा है। रेल सुविधाएं बढ़ाने के लिए मंत्रीगण भी प्रयासरत रहें। बेहतर रेल सुविधाओं का लाभ मिलने से प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को सशक्त बनाने में सहयोग मिलेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर