डॉ सुनील विश्वकर्मा ने खोले रामलला प्रतिमा के रेखांकन के राज
—कला कार्यशाला एवं प्रदर्शनी में जुटे दिग्गज चित्रकार वाराणसी,26 दिसम्बर (हि.स.)। अयोध्या में रामलला की प्रतिमा का रेखांकन करने वाले काशी के चित्रकार डॉ सुनील विश्वकर्मा ने गुरूवार को आयोजित अंतरराष्ट्रीय कला कार्यशाला एवं प्रदर्शनी- 24 में इसका राज
डॉ सुनील विश्वकर्मा का सम्मान करते आयोजक:फोटो बच्चा गुप्ता


—कला कार्यशाला एवं प्रदर्शनी में जुटे दिग्गज चित्रकार

वाराणसी,26 दिसम्बर (हि.स.)। अयोध्या में रामलला की प्रतिमा का रेखांकन करने वाले काशी के चित्रकार डॉ सुनील विश्वकर्मा ने गुरूवार को आयोजित अंतरराष्ट्रीय कला कार्यशाला एवं प्रदर्शनी- 24 में इसका राज बताया।

इंस्टीट्यूट ऑफ फाईन आर्ट्स में जुटे दिग्गज चित्रकारों ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ललित कला विभाग के शिक्षक डॉ. सुनील विश्वकर्मा से रामलला के प्रतिमा के रेखाकंन का राज मनुहार के साथ पूछा। डॉ सुनील ने बताया कि मुझसे कहा गया कि भगवान राम के पांच वर्ष के आयु का चित्र बनाना है जिनके चेहरे पर मंदस्मित का भाव हो साथ ही देवत्व के साथ साथ महापुरुषों के भी लक्षण हो। यह सब सुनकर उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि उक्त विशेषताओं से युक्त चित्र का सृजन कैसे हो। इसके बाद उन्होंने 5 वर्ष के बच्चों की छवि को निहारना शुरू किया, पर कोई उपयुक्त छवि बन नहीं पर रही थी। एक दिन वे स्नान ध्यान करके चित्र बनाने बैठ गए और चित्र बनकर तैयार हो गया। इस समय उन्हें समय का भान ही नहीं हुआ कि कब चित्र बनना आरम्भ हुआ और कब समाप्त हो गया। उन्हें ऐसा आभास हुआ कि मानो किसी अदृश्य शक्ति ने चित्र का निर्माण करवा दिया। इस कार्यशाला का आयोजन संस्कार भारती विश्वविद्यालय इकाई, वाराणसी,राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश,चित्रकला विभाग, महिला महाविद्यालय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, एवं इंस्टीट्यूट ऑफ फाईन आर्ट्स के संयुक्त पहल पर किया गया है। कार्यशाला का उद्घाटन केंद्र निदेशक, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी राजेश गौतम,डॉ सुनील वर्मा,संजय राय बंतवा, विभागाध्यक्ष, चित्रकला, नेपाल ललित कला अकादमी ने संयुक्त रूप से किया। विषय प्रस्तावना डॉ. अनिल कुमार सिंह, स्वागत प्रो. सरोज रानी और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अवधेश कुमार सिंह ने किया। कार्यशाला में नेपाल, श्रीलंका तिब्बत एवं भारत के विविध प्रांतों से आए 46 प्रतिभागी कलाकारों ने भाग लिया। कार्यशाला में संस्थान के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के साथ साथ डॉ ज्ञानेंद्र राय, ध्रुव पाण्डेय आदि की भी उपस्थिति रही।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी