इतिहास के पन्नों में 27 दिसंबरः जब खदान में फंसे 375 लोगों की हो गई थी जल समाधि
27 दिसम्बर 1975 को देश में आपातकाल लगा हुआ था। दोपहर का समय, झारखंड के धनबाद से 20 किमी दूर चासनाला में भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी खान दुर्घटना हुई। कोल इंडिया के अंतर्गत आनेवाली भारत कोकिंग कोल लिमिटेड की चासनाला कोलियरी केपिट संख्या 1 और 2 के ठीक ऊ
चासनाला खान दुर्घटना


27 दिसम्बर 1975 को देश में आपातकाल लगा हुआ था। दोपहर का समय, झारखंड के धनबाद से 20 किमी दूर चासनाला में भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी खान दुर्घटना हुई। कोल इंडिया के अंतर्गत आनेवाली भारत कोकिंग कोल लिमिटेड की चासनाला कोलियरी केपिट संख्या 1 और 2 के ठीक ऊपर स्थित बडे़ तलाब में जमा करीब पाँच करोड़ गैलन पानी, खदान की छत को तोड़ता हुआ अचानक अंदर घुस गया। इस प्रलयकारी बाढ़ में वहां काम कर रहे सभी लोग फंस कर रह गए। आनन-फानन में मंगाये गये पानी निकालने वाले पम्प नाकाफी साबित हुए और लोगों को नहीं निकाला जा सका। आखिरकार कंपनी प्रबंधक ने नोटिस बोर्ड में मारे गये लोग की लिस्ट लगा दी। सरकारी आँकड़ों के अनुसार लगभग 375 लोग इस खौफनाक दुर्घटना के शिकार हो गए।

ऐसी दुर्घटनाओं से निबटने के लिए देश में उस समय संसाधनों की ऐसी बदतर स्थिति थी कि दुर्घटना के 23 दिनों के बाद रूस और पोलैंड से आई मशीनों के जरिए खदान से पानी निकालने का काम शुरू हो सका। रूस के दक्ष इंजीनियरों की निगरानी में शुरू हुए अभियान में दुर्घटना के 26 दिनों बाद पहला शव निकाला जा सका। कई दिनों तक चले ऑपरेशन के बाद कुल 356 लाशें निकाली गई, जिनमें 246 लोगों की पहचान नहीं हो पायी। दुर्घटना में लाशें ऐसी विकृत हो गई कि उन्हें पहचानना मुश्किल था।

हादसे की जांच के लिए पटना हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस यू.एन. सिन्हा की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित हुआ। जुलाई 1976 में जांच शुरू हुई और इसकी रिपोर्ट 24 मई 1977 को सरकार को सौंपी गयी। इसमें हादसे के लिए जिम्मेदार कई अफसरों को चिह्नित किया गया। जांच का निष्कर्ष यह निकला कि खदान के पास अधिकारियों के निर्देश पर कराये गये विस्फोट की वजह से तालाब ध्वस्त हुआ और यह 375 श्रमिकों की जलसमाधि की वजह बन गया। अदालत में चले लंबे मुकदमे के बाद कुछ सेवानिवृत्त अफसरों को एक-एक वर्ष की सजा सुनाई गई।

यश चोपड़ा ने 1979 में इस दुर्घटना पर आधारित काला पत्थर (1979) नामक फिल्म बनाई थी।

अन्य अहम घटनाएंः

2008- वी. शान्ताराम पुरस्कार समारोह में तारे ज़मीं पर को सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का पुरस्कार मिला।

आशा एण्ड कम्पनी का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया।

2007- रावलपिंडी के पास पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की गोली मारकर हत्या।

2004- भारत ने तीसरे और अन्तिम वनडे में बांग्लादेश को हराकर श्रृंखला 2-1 से जीती।

2002- 'ईव' नामक पहले मानव क्लोन ने संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्म लिया।

2001- भारत-पाक युद्ध रोकने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका व रूस सक्रिय।

2000- आस्ट्रेलिया में विवाह पूर्व संबंधों को क़ानूनी मान्यता।

1998- चीन के परमाणु कार्यक्रम के जनक वांगकान धांग का निधन।

1985- यूरोप के विएना और रोम हवाई अड्डों पर चरमपंथियों के हमले में 16 लोग मारे गए और सौ से ज्यादा घायल हुए।

1979- अफ़ग़ानिस्तान ने राजनीतिक परिवर्तन एवं हफीजुल्लाह अमीन की सैनिक क्रान्ति में हत्या।

सोवियत सेना ने अफ़ग़ानिस्तान पर हमला किया।

1975- झारखंड के धनबाद जिले स्थित चासनाला कोयला खदान दुर्घटना में 372 लोगों की मौत।

1972- उत्तरी कोरिया में नया संविधान प्रभाव में आया।

1961- बेल्जियम और कांगो के बीच राजनयिक संबंध बहाल हुए।

1960- फ्रांस ने परमाणु परीक्षण किया।

1945- वैश्विक अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान करने के लिए विश्व बैंक की स्थापना की गई।

29 सदस्य देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना।

1939- तुर्की में भूकंप से लगभग चालीस हजार लोगों की मौत।

1934- पर्सिया के शाह ने पर्सिया का नाम बदलकर ईरान करने की घोषणा की।

1911- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता (अब कोलकाता) अधिवेशन के दौरान पहली बार ‘जन गण मन’ गाया गया।

1861- कलकत्ता (अब कोलकाता) में पहली बार चाय की सार्वजनिक बोली संपन्न।

जन्म

1965- सलमान ख़ान- बॉलीवुड अभिनेता।

1942- लांस नायक अल्बर्ट एक्का- परमवीर चक्र सम्मानित भारतीय सैनिक।

1927- नित्यानंद स्वामी- उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री।

1895- उज्जवल सिंह- पंजाब के प्रमुख सिक्ख कार्यकर्ता थे।

1797- ग़ालिब-उर्दू-फ़ारसी के प्रख्यात शायर।

निधन

2020- सुनील कोठारी- प्रसिद्ध भारतीय नृत्य इतिहासकार, विद्वान और आलोचक थे।

2013- फ़ारुख़ शेख़- बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता।

1994- मैरेम्बम कोइरंग सिंह - मणिपुर के प्रथम मुख्यमंत्री थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव पाश