नगर निगम की ओर से कचरे के पृथक्करण को लेकर आमजन को किया गया जागरूक
जयपुर, 26 दिसंबर (हि.स.)। नगर निगम ग्रेटर द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में 25 से 31 दिसम्बर तक स्वच्छता सप्ताह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसके तहत गुरुवार को नगर निगम ग्रेटर द्वारा व
निगम


जयपुर, 26 दिसंबर (हि.स.)। नगर निगम ग्रेटर द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में 25 से 31 दिसम्बर तक स्वच्छता सप्ताह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसके तहत गुरुवार को नगर निगम ग्रेटर द्वारा वार्ड नंबर 16, 145, 137, 136 एवं 144 मुरलीपुरा जोन एवं मालवीय नगर जोन में निवासियों को कचरे के स्त्रोत पर पृथक्करण और होम कम्पोस्टिंग के महत्व को लेकर जागरूक किया गया।

अतिरिक्त आयुक्त सीमा कुमार ने बताया कि स्वच्छता सप्ताह के तहत वार्ड नंबर 16, 145, 137, 136 एवं 144 मुरलीपुरा जोन एवं मालवीय नगर जोन में टीमों ने घरों से निकलने वाले कचरे को सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग करने के फायदों के साथ ही होम कम्पोस्टिंग की सरल और प्रभावी विधियों की जानकारी भी दी गई। टीमों द्वारा किस प्रकार जैविक कचरे से खाद तैयार कर पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने में योगदान दिया जा सकता है। शुक्रवार को मानसरोवर जोन में विद्यार्थियों को वेस्ट टू वंडर पार्क का भ्रमण करवाया जाएगा।

कनोड़िया कॉलेज में चलाया गया प्रकृति परीक्षण अभियान

जयपुर। कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाईयों द्वारा देश का प्रकृति परीक्षण अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान का आयोजन आयुष मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के सहयोग से किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों और समाज में प्राकृतिक चिकित्सा और भारतीय चिकित्सा पद्धति के महत्व को बढ़ावा देना था। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना भी इस आयोजन का एक प्रमुख लक्ष्य था। कार्यक्रम मे विशेषज्ञ डॉ. पुनित चतुर्वेदी, सहायक प्रोफेसर, एनआईए, एवं डॉ. पूनम चौधरी, सहायक प्रोफेसर, एनआईए जयपुर रहे। विशेषज्ञों ने प्रकृति परीक्षण कार्यशाला प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांतों और आयुर्वेदिक उपचार पद्धतियों पर व्याख्यान दिया गया। छात्राओं एवं प्राध्यापिकाओं द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया। इसमें जड़ी-बूटियों और घरेलू उपचार के लाभों को विस्तार से बताया गया। इसमें प्राकृतिक तरीकों से स्वास्थ्य सुधार के सुझाव दिए गए। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने कहा कि भारतीय चिकित्सा पद्धति और प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग करके हम न केवल स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकते हैं। उन्होंने छात्राओं को इन पद्धतियों को अपने जीवन में अपनाने और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आंचल पुरी विजयलक्ष्मी गुप्ता, डॉ. रेणु शक्तावत, महिमा रामचंदानी एवं चारूल शर्मा की सक्रिय भूमिका रही।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश