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जयपुर, 26 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने नीट पीजी-2024 में सेवारत चिकित्सक को बोनस अंकों का लाभ नहीं देने पर स्वास्थ्य विभाग और नीट पीजी बोर्ड के चेयरमैन से जवाब तलब किया है। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश डॉ. लोकेश कुमारी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने नीट के जरिए मेडिकल पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए गत 23 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी कर काउंसलिंग प्रक्रिया आरंभ की। जिसके अनुसार अभ्यर्थियों को प्रथम राउंड की काउंसलिंग के लिए 18 नवंबर तक पंजीकरण कराना था। याचिकाकर्ता चिकित्सक प्रथम राउंड की काउंसलिंग में अपना पंजीकरण नहीं करा सकी। वहीं दूसरी ओर 16 नवंबर, 2024 को विभाग ने अधिसूचना जारी कर यह शर्त लगा दी कि यदि कोई सेवारत चिकित्सक इन सर्विस कैटेगरी में बोनस अंक का लाभ लेना चाहे तो उसे प्रथम राउंड की काउंसलिंग में पंजीकरण कराना होगा। याचिका में कहा गया याचिकाकर्ता द्वितीय और अन्य राउंड की काउंसलिंग के लिए पात्र है, लेकिन इस शर्त से याचिकाकर्ता चिकित्सक को बोनस अंकों का लाभ नहीं मिल पाएगा और उसे मनचाहे विषय की सीट आवंटित नहीं हो पाएगी। याचिका में कहा गया कि पूर्व के सालों में स्टेट काउंसलिंग के दौरान सभी राउंड की काउंसलिंग में सेवारत चिकित्सकों को उनकी ग्रामीण सेवा में की गई सेवा के अनुरूप इन सर्विस कैटेगरी के तहत बोनस अंकों का लाभ दिया जाता रहा है। वहीं नीट- 2024 के प्रारंभिक नोटिफिकेशन में भी इसका उल्लेख नहीं किया गया था कि प्रथम चरण के बाद अन्य चरणों में सेवारत चिकित्सकों को बोनस अंकों से वंचित रखा जाएगा। इसके अलावा किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश या भर्ती प्रक्रिया के आरंभ होने के बाद उसके नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता। ऐसे में याचिकाकर्ता को बोनस अंकों का लाभ दिया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक