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शिमला, 25 दिसंबर (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर भारत के लोकतंत्र को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि 25 दिसम्बर को पूरे भारत में अटल जी की जयंती मनाई गई, जो भारतीय लोकतंत्र के एक अद्वितीय व्यक्तित्व थे। शान्ता कुमार ने इस अवसर पर नेताओं से अपील की कि अगर वे अटल जी की एक महत्वपूर्ण बात पर ईमानदारी से अमल करें, तो भारत का लोकतंत्र 'शोरतंत्र' बनने से बच सकता है।
उन्होंने कहा कि आज भारत का लोकतंत्र जिस दिशा में बढ़ रहा है, वह चिंताजनक है। स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए लाखों लोगों ने हमारे लोकतंत्र के लिए बलिदान दिया था, लेकिन आज संसद और विधान सभाओं में सिर्फ धरने, हंगामे और धक्का-मुक्की हो रही है। इससे जनता के करोड़ों रुपये बर्बाद हो रहे हैं।
शान्ता कुमार ने अटल बिहारी वाजपेयी के उद्धरण का उल्लेख करते हुए कहा कि अटल जी अक्सर कहते थे, 'दलों की दीवारें बहुत छोटी होती हैं, लेकिन राष्ट्र का मंदिर बहुत ऊंचा होता है। हमेशा दलों की दीवारों में ही मत रहो। उन्होंने सभी नेताओं से यह अनुरोध किया कि अगर वे संसद और विधान सभाओं को दलों की दीवारें समझने के बजाय राष्ट्र के मंदिर के रूप में देखें, तो भारत का लोकतंत्र बदनाम होने से बच सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला