परमवीर पंचतत्व में विलीन, सैंकड़ों नम आंखों से दी विदाई
ऊना, 25 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय सेना के जांबाज सिपाही रहे परमवीर सिंह का अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव बीटन (हरोली विधानसभा क्षेत्र) में किया गया। जिनका लेह-लद्दाख में तैनात 33 वर्षीय परमवीर सिंह का 22 दिसंबर रविवार को दिल का
शहीद परमवीर को श्रद्धांजलि देते।


ऊना, 25 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय सेना के जांबाज सिपाही रहे परमवीर सिंह का अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव बीटन (हरोली विधानसभा क्षेत्र) में किया गया। जिनका लेह-लद्दाख में तैनात 33 वर्षीय परमवीर सिंह का 22 दिसंबर रविवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। प्रतिकूल मौसम के कारण उनकी पार्थिव देह बुधवार को गांव पहुंची, जहां सेना, प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों सहित सैंकड़ों क्षेत्रवासियों ने उनकी अंतिम यात्रा में सम्मिलित होकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

बीटन गांव में बुधवार सुबह 11 बजे जब 3 सिख रेजिमेंट के वीर सिपाही परमवीर का पार्थिव शरीर पहुंचा, तो पूरा इलाका गमगीन हो उठा। सैकड़ों की संख्या में इलाके और गांव के लोग अपने वीर सपूत को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। वीर परमवीर अमर रहे के नारों से गांव गूंज उठा। उनकी धर्मपत्नी प्रीत और दो बहनों का रो रो कर बुरा हाल था।

सिख धर्म के अनुसार, परमवीर सिंह की अंतिम यात्रा उनके घर से शुरू हुई। 3 सिख रेजिमेंट के लगभग 30 जवान उनके पार्थिव शरीर को फूलों से सजे खुले वाहन में लेकर श्मशानघाट तक पहुंचे। वहां जवानों ने उन्हें अंतिम सलामी दी।

इस मौके पर एएसपी ऊना संजीव भाटिया, एसडीएम हरोली विशाल शर्मा, टाहलीवाल थाना प्रभारी रिंकू सूर्यवंशी, इंस्पेक्टर संजय शर्मा, रिटायर्ड कैप्टन शक्ति चंद, सिख रेजिमेंट के मेजर शुभम समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने पुष्पांजलि अर्पित की।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री एवं हरोली विधायक मुकेश अग्निहोत्री ने दिवंगत सिपाही के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि परमवीर सिंह की देशसेवा का जज्बा और उनकी कर्तव्यनिष्ठा हमेशा याद की जाएगी।

उपमुख्यमंत्री ने परिवार को हरसंभव सहायता का आश्वासन देते हुए कहा कि परमवीर सिंह का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को इस कठिन समय में सहनशक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।

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हिन्दुस्थान समाचार / विकास कौंडल