छत्तीसगढ़ में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि की कुलगीत बनी अटल की कविता 'कदम मिलाकर चलना होगा'
रायपुर, 25 दिसंबर (हि.स.)। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2004 में छत्तीसगढ़ में तीन विश्वविद्यालयों कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर के साथ तकनीकी विवि, दुर्ग और पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विवि, बिलासपुर की
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी


रायपुर, 25 दिसंबर (हि.स.)। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2004 में छत्तीसगढ़ में तीन विश्वविद्यालयों कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर के साथ तकनीकी विवि, दुर्ग और पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विवि, बिलासपुर की स्थापना की थी। इन तीन विश्वविद्यालयों की नींव उन्होंने ही रखी थी। अटल की कविता 'कदम मिलाकर चलना होगा', कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि की कुलगीत बनाई गई है।

छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता और भारत रत्न भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को प्रदेश में सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनकी स्मृतियों और उनके उल्लेखनीय कार्यों को सहेजने के लिए राज्य के सभी नगरीय निकायों में अटल परिसर का निर्माण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के 187 नगरीय निकायों में अटल परिसर के लिए 46 करोड़ का फंड जारी किया गया है। इनमें 14 नगर निगम, 50 नगर पालिका तथा 123 नगर पंचायतें शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ पृथक राज्य की मांग को केंद्र में रखकर आचार्य नरेंद्र दुबे ने 1965 में ‘छत्तीसगढ़ समाज’ की स्थापना की। इसके करीब दो साल बाद यानी 1967 में डॉ. खूबचंद बघेल ने छत्तीसगढ़ी महासभा को विसर्जित कर ‘छत्तीसगढ़ी भ्रातृ संघ’ बनाया और राज्य की मांग को पुनर्जीवित किया। लोकसभा चुनाव (98-99) के दौरान भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने रायपुर की सभा (सप्रेशाला मैदान) में जनता से वादा किया था कि ‘आप मुझे 11 सांसद दो, मैं छत्तीसगढ़ दूंगा’।

राज्य की जनता ने अटल की उस हुंकार को समर्थन दिया और केंद्र में अटल सरकार बनी। लगभग एक साल बाद यानी 31 जुलाई, 2000 को लोकसभा में और 9 अगस्त को राज्यसभा में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रस्ताव पर मुहर लगी। चार सितंबर, 2000 को भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशन के बाद 01 नवंबर, 2000 को छत्तीसगढ़ देश के 26वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया और पुरखों का सपना साकार हुआ।

कवि और पत्रकार से लेकर प्रधानमंत्री पद तक का सफर तय करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी एक राष्ट्रकवि श्रीकृष्ण सरल का सम्मान करने काले हीरे की नगरी चिरमिरी में 1986 में आए थे। अटल बिहारी वाजपेयी वर्ष 2003 में जब छत्तीसगढ़ में थे तब उन्होंने सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में चुनावी सभा को संबोधित किया था। इस दौरान चारों ओर कांग्रेस का बोलबाला था। इसके बाद विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली थी।

अटल को गुरु मानने वाले छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में विधानसभा के अध्यक्ष डॉ रमन सिंह कहते हैं कि अटल बिहारी को छत्तीसगढ़ से और यहां के लोगों से बहुत लगाव था। राज्य गठन के बाद भी वे छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी से बराबर राज्य का हालचाल लेते रहे। बाद में 2003 में छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री रमन सिंह से भी राज्य के विकास पर चर्चा करते रहे। अटल बिहारी वाजपेयी की बात दिल से निकलकर दिल तक पहुंचती है। किसी भी व्यक्ति का अटल के साथ बिताया गया पल, उस व्यक्ति के साथ धरोहर के रूप में रहता है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए एक्स पर लिखा है कि सुशासन के पथ प्रदर्शक, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी दूरदृष्टि और कुशल नेतृत्व से भारत को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। छत्तीसगढ़ के निर्माता और विकास के मार्गदर्शक अटल को समूचा प्रदेश सम्मानपूर्वक स्मरण करता है। उनकी प्रेरणा से आज छत्तीसगढ़ शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। अटल की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन। उनके जीवन मूल्य और आदर्श हमें समृद्ध और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए प्रेरित करते रहेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा