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सिद्धार्थनगर 22 दिसंबर(हि. स.)। जिला प्रशासन द्वारा बीएसए ग्राउंड के आयोजित दो दिवसीय बुद्धा राइस कालानमक चावल क्रेता विक्रेता सम्मेलन का उदघाटन मुख्य अतिथि योगी सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किया। इस सम्मेलन में देश के कई राज्यों से जुटे आगन्तुकों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध का प्रसाद काला नमक चावल की खुशबू पूरी दुनिया में फैले इसके लिए यह सेमिनार बहुत ही बेतहर परिणाम लाएगा।
काला नमक धान के 81 प्रजाति पर शोध किया गया है। इनमें से चार प्रजाति ओरिजनल मिली हैं। जिनमें एरोमा (नैसर्गिक सुगंध) के साथ पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। पकाने के बाद भी चावल के दाने नरम रहते हैं। तीन प्रजाति पर शोध कार्य चल रहा है। यह शोध कार्य इरी (इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीयूट) वाराणसी के वैज्ञानिक कर रहे हैं। इन ओरिजनल प्रजाति का टेस्ट कर लिया गया है और प्रदर्शन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मखाना की विश्व में सर्वाधिक मांग होती है। जलभराव वाले क्षेत्र में इसकी खेती की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सरकार बनाने के सभी जनपद के विशिष्ट उत्पाद को ओडीओपी में चयनित किया। सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल अपने गुण के कारण विशिष्ट है। भारत सरकार ने नान बासमती चावल पर रोक लगा दी। प्रदेश सरकार की पहल पर निर्यात से अब रोक हट गई है। इससे काला नमक चावल को विदेशों में भेजने की राह आसान हो गई है। निर्यात बढ़ाने के लिए क्लस्टर फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। विशेषज्ञ कंपनी से एमओयू करने के बाद किसान को प्रशिक्षित करेंगे। कृषि शोध क्षेत्र को भी सरकार बढ़ावा दे रही है। प्रदेश सरकार के एजेंडा में किसान हित को सर्वोपरि रखा गया है। सभी किसान को डिजीटल प्लेटफार्म पर लाने का काम किया जा रहा है। जिससे बीच में आने वाले बिचौलिये हट गए हैं। वन ब्लाक वन प्रोडेक्ट पर कृषि विभाग ने काम शुरू कर दिया है। विश्व बैंक ने ऋण उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। चार हजार करोड़ की लागत से आठ मंडल के 28 जनपद में यह योजना प्रारंभ की जाएगी।
योजनाओं को ऑन लाइन कर दिया गया है। जिससे सीधा पात्र व्यक्ति इसका लाभ पा सके। 54 कृषि उत्पादक संगठन बनाये गए हैं। सरकार के प्रयास से कालानमक चावल के उत्पादन का क्षेत्र बढ़ा है। हमे जरूरत है कि कालानमक चावल को रख रखाव को अच्छा करने की जिससे उसका तत्व एवं खुशबू बना रहे। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री किसानों को बेहतर लाभ देने के लिए बचन बद्ध हैं।
सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि कालानमक चावल के उत्पादन की बात होगी तो कृषि मंत्री सिद्धार्थनगर के किसानों के लिए काम करेंगे। भारत का ये कालानमक चावल सिद्धार्थनगर में पैदा होता है। लेकिन इसकी उत्पादन के पश्चात भी जो लाभ किसानों को मिलना चाहिए वो नहीं मिल पा रही है। कालानमक चावल का विकल्प केवल जापान का करिनिमाइस राइस ही हो सकता है। कालानमक चावल बुद्ध प्रसाद के रूप में पूरी दुनिया में विख्यात होगा। कालानमक भवन बनवाने की भी घोषणा सांसद जगदम्बिका पाल ने किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / बलराम त्रिपाठी