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भीलवाड़ा, 22 दिसंबर (हि.स.)। भीलवाड़ा जिले के अगरपुरा गांव में स्वतंत्रता सेनानी और महान क्रांतिकारी शहीदे आजम भगत सिंह जी के सम्मान में बने नवनिर्मित मंदिर में उनकी मूर्ति का अनावरण समारोह रविवार को धूमधाम से संपन्न हुआ। यह गौरवशाली क्षण तब आया जब शहीद भगत सिंह के पौत्र यादविंदर सिंह संधू ने मूर्ति का अनावरण किया।
कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की जय, वंदे मातरम और शहीद भगत सिंह अमर रहे के नारों के साथ हुई। ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों और पुष्पवर्षा के साथ यादविंदर सिंह और उनकी टीम का स्वागत किया। यह अनावरण समारोह अगरपुरा गांव के रोड बालाजी मंदिर के पास स्थित मंदिर में आयोजित हुआ, जहां शहीद भगत सिंह की 32 इंच की ग्रेनाइट से निर्मित मूर्ति स्थापित की गई है। नशा मुक्त युवा भारत आंदोलन के सूत्रधार नारायण भदाला ने बताया कि इस मंदिर को देशभक्ति का प्रतीक बनाने के लिए इसमें अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र भी लगाए गए हैं।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए 400 युवाओं की एक विशेष टीम ने काम किया। इन युवाओं को 11 टीमों में बांटा गया, जिनका नाम स्वतंत्रता सेनानियों जैसे चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, सुखदेव, राजगुरु, मंगल पांडे, और वीर सावरकर के नाम पर रखा गया। इन टीमों ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए पूरे आयोजन को सफल बनाया।
मुख्य अतिथि यादविंदर सिंह ने अपने संबोधन में शहीद भगत सिंह के बलिदान और उनके विचारों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, भगत सिंह केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं। उन्होंने जिस साहस और बलिदान का परिचय दिया, वह हमेशा युवाओं को प्रेरणा देता रहेगा। यादविंदर सिंह ने युवाओं से शहीद भगत सिंह के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने की अपील की।
इस मौके पर कलाकार केजी कदम ने खून से शहीद भगत सिंह का लाइव पेंटिंग बनाकर सबका ध्यान आकर्षित किया। इस दौरान कुमार राकेश, अजय गोड़, नैना जाट और खुशी जाट जैसे कलाकारों ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए, जिससे वातावरण और भी प्रेरणादायक हो गया।
भविष्य की योजनाएं और विश्व रिकॉर्ड का लक्ष्य
समारोह में यह भी घोषणा की गई कि भीलवाड़ा जिले में एक दिन में 16 भगत सिंह की मूर्तियां स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा। यह हरियाणा के सिरसा में बने रिकॉर्ड को तोड़ने की दिशा में कदम होगा। नारायण भदाला के आह्वान पर 8 गांवों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने गांव में भगत सिंह की मूर्ति स्थापित करने की घोषणा की। नवग्रह आश्रम के संस्थापक हंसराज चाैधरी ने पहली मूर्ति आश्रम में लगाने का वादा किया। अन्य गांवों जैसे रूपाहेली, उदलियास, कोटड़ी, कांदा, और कीरतपुरा में भी मूर्तियां लगाने की योजना बनाई गई है।
कार्यक्रम में मंदिर निर्माण और आयोजन में सहयोग देने वाले भामाशाहों को सम्मानित किया गया। साथ ही, 18 गांवों में गोशालाएं और गो उपचार केंद्र चलाने वाले गोभक्तों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में हंसराज चैधरी, ओम प्रकाश जाट, नारायण जाट, सुरेश धाकड़, और रवींद्र जुनेजा सहित सैकड़ों ग्रामीण और युवा कार्यकर्ता मौजूद रहे। यह आयोजन न केवल शहीद भगत सिंह के प्रति सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह युवाओं को उनके बलिदान और देशभक्ति के आदर्शों से प्रेरित करने का एक प्रयास भी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मूलचंद