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वनवासी रक्षा परिवार का परिवार मिलन समारोह संपन्न
फरीदाबाद, 22 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सर-कार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा है कि प्रभु श्रीराम ने जिस वनवासी समाज को संगठित कर आसुरी शक्तियों का संहार किया, समाज जीवन में मानव मूल्यों की स्थापना की, उनके जीवनादर्श से अनुप्राणित वनवासी रक्षा परिवार फाउंडेशन अपने प्रतिभा विकास केन्द्रों के माध्यम से वंचित, उपेक्षित वर्ग के बच्चों को संस्कार युक्त शिक्षा देकर उनमें स्वावलंबन, स्वाभिमान एवं राष्ट्रभक्ति की भावना जगाने तथा उनकी अंतर्निहित प्रतिभाओं के विकास में प्रयासरत है। भैयाजी जोशी शनिवार देर रात भारत मंडपम दिल्ली में आयोजित वनवासी रक्षा परिवार का परिवार मिलन समारोह उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य मान सम्मान के साथ सुख, शान्ति का जीवन जीना चाहता है जो शिक्षा संस्कार के साथ स्वरोजगार से ही प्राप्त हो सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि तुलसीदास ने कहा है कि पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं। अभाव में जी रहे परिवारों को शिक्षा, संस्कार के साथ स्वाभिमान और स्वावलंबन की शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रयास वनवासी रक्षा परिवार फाउंडेशन द्वारा संचालित प्रतिभा विकास केन्द्र कर रहे हैं। संस्कार परिवार स्नेह मिलन के केंद्रीय कार्यक्रम में विभिन्न प्रांतों के बच्चों द्वारा निर्मित ज्ञान-विज्ञान व कलात्मक रचनाओं की प्रदर्शनी एवं मनमोहक रंगमंचीय कार्यक्रमों की प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वनवासी रक्षा परिवार फाउंडेशन की गतिविधियों में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु,असम, राजस्थान प्रदेश शामिल है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्कारित परिवार ही पृथ्वी का स्वर्ग है। इसे प्राप्त करने के लिए किए जाने वाले दैनिक कार्य के द्वारा परिवार को संस्कारित कर यह आनंद प्रत्येक मनुष्य प्राप्त कर सकता है। अपने परिवार में दैनिक अभ्यास हेतु कार्यक्रम के अनुसार गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र का तीन-तीन बार उच्चारण, पुरुषार्थ जागरण मंत्र, क्षमा स्तुति मंत्र, नवग्रह मंत्र के साथ भारत वंदन मंत्र। प्राणायाम तथा योग का अभ्यास। मंगल गीत या भजन का गायन। घर में तुलसी गिलोय के पौधे का रोपण। इसके अतिरिक्त उपायुक्त स्थान देखकर नीम, पीपल, बरगद आदि वृक्षों का रोपण तथा पोषण। स्वदेशी भाषा, वेशभूषा एवं वस्तु का उपयोग। चीनी सामानों का पूर्ण बहिष्कार जैसी गतिविधियां संचालित करना शामिल है। सह संयोजक श्री राम अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में 9,00,000 परिवारों को संस्कार परिवार की दैनिक गतिविधियों से जोडऩा। 25000 परिवार को वनवासी रक्षा परिवार बनाना अर्थात सहयोगी परिवार बनाना। महिलाओं को विशेष रूप से संस्कार परिवार योजना तथा प्रतिभा विकास केन्द्र के साथ जोडऩा। युवाओं को प्रतिभा विकास केंद्र के साथ समाज जागरण की गतिविधियों से जोडऩा। समाज प्रबोधन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना। वनयात्रा द्वारा नगरीय समाज को वनवासी समाज से भावात्मक तथा क्रियात्मक रूप से जोडऩा। वनवासी तथा नगरीय क्षेत्र में शक्तिपुंज विकसित करना। वनवासी रक्षा परिवार फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विशेष रूप से रमेश गुप्ता, अशोक अग्रवाल, ललित बंसल, राजेश अग्रवाल, राम किशोर बिंदल, संजय लोढ़ा, कमलकांत गोयल, धर्मेन्द्र कौशिक विशिष्ट अतिथि सुरेन्द्र चावला, जीतमल चौरडिय़ा, यशपाल मेहंदीरत्ता, विनय छाबड़ा,सुभाष अग्रवाल, सचिन बंसल, सत्येन्द्र प्रकाश, राजेन्द्र जिंदल, शिक्षाविद डॉ.प्रशांत भल्ला, बी.आर.भाटिया, मोहन लाल बंसल,अशोक गुप्ता, सज्जन कुमार जैन, किशन अग्रवाल बीकानेरवाला, संदीप अग्रवाल, जी.एन.गुप्ता, डॉ.प्रताप चौहान का सहयोग उल्लेखनीय रहा। इस कार्यक्रम की आयोजन समिति संयोजक सुरेन्द्र चावला, कार्यकारी संयोजक मयंक शेखर, श्रीराम अग्रवाल सह-संयोजक, राजेश दत्ता, शशि आजाद, प्रवीण मित्तल, रामचन्द्र चौधरी, दीपक अग्रवाल, अजय गुप्ता, विष्णु अग्रवाल, मंगेश निंभोरकर की विशेष भूमिका रही।
हिन्दुस्थान समाचार / -मनोज तोमर