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नई दिल्ली, 21 दिसंबर (हि.स.)। शनिवार को साल का सबसे छोटा दिन और लंबी रात होगी। इसे शीतकालीन संक्रांति भी कहा जाता है। इस दिन सूरज बहुत जल्दी अस्त हो जाते हैं। मौसम विभाग के मुताबिक देश में 21 दिसंबर को दिन की सबसे छोटी अवधि होगी। दिल्ली में 21 दिसंबर को सबसे छोटा दिन 10 घंटे का और 19 मिनट, मुंबई 10 घंटे 59 मिनट, चेन्नई 11 घंटे 22 मिनट और कोलकाता 10 घंटे 46 मिनट की दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी गोलार्ध में, यह तब होता है जब सूर्य सीधे मकर रेखा के ऊपर होता है, जो भूमध्य रेखा के 23.5 डिग्री दक्षिण में स्थित है और ऑस्ट्रेलिया, चिली, दक्षिणी ब्राजील और उत्तरी दक्षिण अफ्रीका से होकर गुजरती है। शीतकालीन संक्रांति वह दिन है जिस दिन सूर्य पृथ्वी के सबसे दक्षिणी स्थान पर होता है, और यह 21 या 22 दिसंबर को होता है। इस कारण से, पृथ्वी सूर्य से सबसे दूर झुकी हुई होती है। यह भारत में सभी स्थानों के लिए दिन के उजाले के समय को कम करता है, जो उत्तरी गोलार्ध में है। देश में 21 दिसंबर, 2024 को दिन की सबसे छोटी अवधि होगी।
मौसम विभाग के अनुसार 21 दिसंबर को तड़के 4 बजकर 20 मिनट पर संक्राति लगी है। साथ ही चंद्रमा की रोशनी पृथ्वी पर अधिक समय तक रहती है। और इस दिन पृथ्वी अपने ध्रुव पर 23.4 डिग्री झुकी होती है। शीतकालीन संक्रांति को लेकर कई देशों में लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं। उत्तर भारत में भगवान कृष्ण को प्रसाद अर्पित किया जाता है और गीतापरायणम किया जाता है। पुष्य मास त्योहार राजस्थान के कई हिस्सों में मनाया जाता है। सूर्य के उत्तरायण होने की प्रक्रिया शीत अयनांत से प्रारंभ होती है इसीलिए हमारे देश में इसका विशेष महत्व है। चीन के साथ-साथ अन्य पूर्वी एशियाई देशों में भी बौद्ध धर्म की यिन और यांग शाखा से जुड़े लोग मानते हैं कि यह दिन एकता और समृद्धि का प्रतीक है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी