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नारंगी, 21 दिसंबर (हि.स.)। विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर, नारंगी मिलिट्री स्टेशन के मुख्यालय 51 सब एरिया ने सैनिकों और उनके परिवारों के लिए एक घंटे का ध्यान सत्र आयोजित किया। इस सत्र में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह सत्र प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के आध्यात्मिक परामर्शदाताओं के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जो कि संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध एक वैश्विक सामाजिक-आध्यात्मिक संगठन है।
रक्षा जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य ध्यान के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना था, जो मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक स्थिरता और आंतरिक शांति को बढ़ावा देने का एक सार्वभौमिक अभ्यास है। सत्र में प्रतिभागियों को सरल और प्रभावी ध्यान तकनीकें सिखाई गईं, जिन्हें दैनिक जीवन में आसानी से अपनाया जा सकता है। परामर्शदाताओं ने आत्म-चिंतन, सकारात्मक सोच और माइंडफुलनेस को तनाव से निपटने और समग्र कल्याण को बढ़ाने के उपकरण के रूप में रेखांकित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत ध्यान के सिद्धांतों की परिचयात्मक चर्चा से हुई, इसके बाद व्यावहारिक प्रदर्शन और निर्देशित ध्यान सत्र हुआ। प्रतिभागियों ने इस पहल की सराहना की और इसे अपनी व्यस्त दिनचर्या के बीच ठहरने, आत्मचिंतन करने और मानसिक स्फूर्ति प्राप्त करने का एक अनोखा अवसर बताया।
इस अवसर पर मुख्यालय 51 सब एरिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ध्यान केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है, जो व्यक्ति को चुनौतियों का सामना शांत और संतुलित मन से करने की शक्ति देता है। यह पहल हमारे सैनिकों और उनके परिवारों की समग्र भलाई के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
यह आयोजन बेहद सफल रहा और उसने समुदाय में मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के महत्व को सुदृढ़ किया। भारतीय सेना के इस प्रयास ने न केवल सैनिकों के शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया, जो सैन्य जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश