मलयालम फ़िल्म मारको ने भारतीय सिनेमा की सबसे हिंसक फिल्म के रूप में किया बॉक्स ऑफिस पर धमाका
जब से मलयालम फ़िल्म मारको का टीज़र और ट्रेलर लॉन्च हुआ था, तभी से इसने दर्शकों के बीच एक ज़बरदस्त चर्चा और उत्सुकता पैदा कर दी। भारतीय सिनेमा में अब तक बनी सबसे हिंसक फिल्म के रूप में प्रचारित, टीज़र ने ही फिल्म की इंटेंसिटी का स्वर तय कर दिया। इसमें
मारको


जब से मलयालम फ़िल्म मारको का टीज़र और ट्रेलर लॉन्च हुआ था, तभी से इसने दर्शकों के बीच एक ज़बरदस्त चर्चा और उत्सुकता पैदा कर दी। भारतीय सिनेमा में अब तक बनी सबसे हिंसक फिल्म के रूप में प्रचारित, टीज़र ने ही फिल्म की इंटेंसिटी का स्वर तय कर दिया। इसमें बहुत ही देसी और रॉ एक्शन दर्शाया गया है और स्टाइलिश फिल्म मेकिंग की वजह से इसका लुक काफी आकर्षक दिख रहा है।

रीजनल भाषा की सीमाओं को तोड़ते हुए, निर्माताओं ने हिंदी में भी इसका टीज़र जारी किया, जिसे सोशल मीडिया पर खूब देखा गया, प्रशंसा मिली औरसकारात्मक कमेंट्स भी मिले।

हनीफ़ अदेनी द्वारा निर्देशित और शरीफ मोहम्मद द्वारा क्यूब्स एंटरटेनमेंट के बैनर तले निर्मित, मारको ने 20 दिसंबर, 2024 को सिनेमाघरों में दस्तक दी है। पहले दिन, फिल्म ने दुनिया भर के बॉक्स ऑफिस पर 10.8 करोड़ की कमाई की, जो किसी मलयालम फिल्म के लिए सबसे ज़्यादा ओपनिंग रिकॉर्ड में से एक है। इस रकम में भारत के बॉक्स ऑफिस पर मलयालम डेब्यू से 4.21 करोड़ शामिल हैं। यह फिल्म हिंदी दर्शकों के बीच अपनी बड़ी अपील को दर्शाते हुए अच्छा कारोबार कर रही है। फ़िल्म समीक्षकों ने फिल्म की शानदार मेकिंग और उन्नी मुकुंदन की आकर्षक उपस्थिति की सराहना की है।

फिल्म की सफलता से उत्साहित निर्देशक हनीफ अदेनी ने कहा, मारको एक ऐसा प्रोजेक्ट है जो मेरे दिल के बहुत करीब है। यह सिर्फ़ हिंसा के बारे में नहीं है बल्कि यह स्टाइल, भावनाओं और किरदारों की गहराई के बारे में है। मैं दर्शकों को कहानी और अभिनय से जुड़ते हुए देखकर रोमांचित हूं। हिंदी रिलीज़ भी उतनी ही खास है, क्योंकि यह मलयालम सिनेमा को व्यापक दर्शकों तक ले जाने का हमारा प्रयास है।

मारको, 2019 की फिल्म मिखाइल का स्पिन-ऑफ है, जिसमें उन्नी मुकुंदन, युक्ति थरेजा, सिद्दीकी, जगदीश, एंसन पॉल और राहुल देव जैसे कई बेहतरीन कलाकार हैं। रवि बसरूर द्वारा रचित संगीत, चंद्रू सेल्वराज द्वारा छायांकन और शमीर मोहम्मद द्वारा एडिटिंग के साथ फिल्म की तकनीकी प्रतिभा अद्वितीय है। फिल्म की हिंसा से भरी कथा, इसकी अनोखी शैली के साथ मिलकर, न केवल मलयालम इंडस्ट्री में बल्कि हिंदी सिनेमा बाजार में भी एक स्थायी छाप छोड़ने की उम्मीद है।

हिन्दुस्थान समाचार / लोकेश चंद्र दुबे