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गुवाहाटी, 21 दिसंबर (हि.स.)। आवास और शहरी मामलों के विभाग (डीओएचयूए) का कार्यभार संभालने के बाद, मंत्री जयंत मल्लबरुवा ने आज गुवाहाटी के होटल नोवोटेल में वरिष्ठ संपादकों और पत्रकारों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र ‘वार्तालाप’ आयोजित किया। इस सत्र में शहरी विकास और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े विभागों की प्राथमिकताओं और पहलों पर चर्चा की गई।
‘मिशन फ्लड-फ्री’ योजना पर जोर
सत्र के दौरान डीओएचयूएल की महत्वाकांक्षी योजना ‘मिशन फ्लड-फ्री’ पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसका उद्देश्य असम में कृत्रिम बाढ़ की समस्या, विशेष रूप से गुवाहाटी में समाधान निकालना है। इस योजना के तहत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मजबूत ड्रेनेज सिस्टम का विकास, सीमा पार जल प्रवाह प्रबंधन में सहयोग और गुवाहाटी को स्वच्छ और रहने योग्य बनाने के लिए सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना शामिल है।
मंत्री ने स्वच्छता और शहरी विकास में जनभागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजनाओं का सुझाव दिया। उन्होंने शिक्षा विभाग के साथ परामर्श करके स्कूली छात्रों को स्वच्छता अभियान से जोड़ने पर भी चर्चा की। अन्य कदमों में यातायात प्रबंधन, फुटपाथ अतिक्रमण पर कार्रवाई, कचरा निपटान प्रणाली में सुधार, नई इमारतों में ग्राउंडवाटर रिटेंशन की अनिवार्यता और अवैध जल आपूर्ति पर रोकथाम जैसे उपाय शामिल हैं।
जल जीवन मिशन पर प्रगति और पारदर्शिता
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) की तरफ से जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत हुई प्रगति पर प्रकाश डाला गया। मिशन का उद्देश्य हर घर में सुरक्षित पेयजल पहुंचाना है। राज्य ने इस दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है, जहां 2019 में मात्र 1.67 फीसदी घरों को नल का पानी मिलता था, वहीं अब यह आंकड़ा बढ़कर 82 फीसदी हो गया है। मंत्री ने परियोजनाओं की निगरानी के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की और कहा कि जल जीवन मिशन से संबंधित सभी जानकारी को सार्वजनिक डोमेन में डालकर पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
इस दौरान मीडिया की अहम भूमिका पर चर्चा की गई। मंत्री मल्लबरुवा ने सरकार और जनता के बीच की खाई को पाटने में मीडिया की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग और सीधे संवाद को मजबूत करने पर जोर दिया। पत्रकारों ने नीतियों को बेहतर बनाने और प्रभावी बदलाव लाने के लिए उपयोगी सुझाव दिए।
मंत्री ने मीडिया को सक्रिय भागीदारी और महत्वपूर्ण सुझावों के लिए धन्यवाद् देते हुए कहा कि ये नीतियों को जनता की जरूरतों के अनुसार आकार देने में सहायक हैं। सत्र का समापन सहयोग और नवाचार के साथ असम के लिए एक प्रगतिशील और समावेशी भविष्य की प्रतिबद्धता के साथ हुआ।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश