भारत प्राचीन काल से ही स्थल रहा है ज्ञान का उद्गम : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- मुख्यमंत्री ने खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को वर्चुअल किया संबोधित भोपाल, 21 दिसम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही ज्ञान का उद्गम स्थल रहा है। भारत ने विश्व गुरु की भूमिका निभाते
मुख्यमंत्री ने खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को वर्चुअल किया संबोधित


- मुख्यमंत्री ने खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को वर्चुअल किया संबोधित

भोपाल, 21 दिसम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही ज्ञान का उद्गम स्थल रहा है। भारत ने विश्व गुरु की भूमिका निभाते हुए हमेशा विश्व को रास्ता भी दिखाया है। हमारी प्राचीन परंपराओं ने विश्व को नई दिशा दिखाई है। अणु-परमाणु की व्याख्या, ब्रह्मांड के रहस्य,पेड़-पौधों में जीवन का सिद्धांत, सब हमारे दर्शन से ही लिया गया है। हमारे पंचांग इतने सटीक है कि वह आज भी सूर्य और चंद्र ग्रहण का सटीक समय बताते हैं। भारत आध्यात्म, विज्ञान, खगोल, चिकित्सा जैसे कई क्षेत्रों में विश्व जगत का नेतृत्व करता रहा है। आज भी भारत पूरे विश्व के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को डोंगला वराहमिहिर वेधशाला में आयोजित खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को उज्जैन से वर्चुअल संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उज्जैन में जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने सभी का अभिवादन किया।

एसीएस संजय दुबे ने संगोष्ठी के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। डोंगला में डीआरडीओ के प्रतिनिधि डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा ने डोंगला वेधशाला के विकास में मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सहयोग एवं मार्गदर्शन से अवगत कराया। कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन प्रो. अर्पण भारद्वाज ने सभी का आभार माना।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर