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- ब्रह्माकुमारी ने मनाया प्रथम विश्व ध्यान दिवस, संतों ने दी शांति और ध्यान की अनमोल शिक्षा ऋषिकेश, 21 दिसंबर (हि. स.)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से त्रिवेणी घाट पर शनिवार को आयोजित पहले विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर संतों ने कहा कि आज समय और विश्व करवट बदल रहे हैं। धर्म और चरित्र के हनन के बाद अब वह समय आ गया है, जब भारत भूमि पर स्वर्ग उतरेगा। हमें ध्यान से टेंशन को खत्म करना है। इस अवसर पर ऋषिकेश के संतों ने मंच साझा करते हुए अपने विचार व्यक्त किए और ध्यान के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की शुरुआत संतों और ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। देहरादून सब जोन की प्रशासनिका बीके मंजू ने कहा कि हम बड़े सौभाग्यशाली हैं कि आज इस पहले अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस पर एकत्रित हुए हैं। आज समय और विश्व में बदलाव आ रहा है। हमें ध्यान की शक्ति से अपनी आत्मा को सशक्त बनाना है। उन्होंने बताया कि ब्रह्माकुमारी केंद्रों में सिखाया जाने वाला योग 'राजयोग' कहलाता है, जो आत्मा की शक्तियों को सजीव करता है।मंच का संचालन कर रहे सुशील भाई ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि ध्यान कितना जरूरी है। यह केवल विचार शून्य होने का नाम नहीं है। जब हम ध्यान करते हैं, हमारी कॉस्मिक ऊर्जा यूनिवर्स से रिचार्ज होती है। महंत रवि प्रपंनाचार्य शास्त्री ने ब्रह्माकुमारी संस्था की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था सभी को जोड़ने का कार्य कर रही है। इस प्रथम ध्यान दिवस पर मैं शुभकामनाएं देता हूं कि यह संस्था इसी प्रकार कार्य करती रहे।आत्मा और परमात्मा को जोड़ना है ब्रह्माकुमारी का उद्देश्य स्वामी प्रणव चैतन्य महाराज ने कहा कि हमारी साधना का उद्देश्य आत्मा और परमात्मा को जोड़ना है। ब्रह्माकुमारी संस्था इस कार्य में अडिग है और समाज में शांति फैला रही है। ऋषिकेश नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी ने ब्रह्माकुमारी संस्था को शुभकामनाएं दी।मेडिटेशन ही तनाव से मुक्ति का एकमात्र उपाय स्वामी ब्रह्मानंद महाराज ने कहा कि मेडिटेशन ही तनाव से मुक्ति का एकमात्र उपाय है। इसके लिए हमें सत्य, अहिंसा और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। स्वामी आशुतोष महाराज ने ब्रह्माकुमारी बहनों की सराहना की, जो समाज के विभिन्न वर्गों में जागरूकता फैलाने का कार्य कर रही हैं और कहा कि उनकी शिक्षा और ध्यान से कई लोगों का जीवन बदल रहा है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी सरस्वती कर्णपाल गिरी महाराज, स्वामी समर्पण महाराज, स्वामी स्वतंत्रतानंद सरस्वती महाराज और स्वामी आलोक हरि भी शामिल थे। कार्यक्रम में 500 से अधिक ब्रह्माकुमारी भाई-बहनों ने भाग लिया और ऋषिकेश के ललित मिश्रा, सीनियर सिटीजन अध्यक्ष प्रमोद जैन व नवल कपूर ने भी इस विशेष दिन का लाभ उठाया और मेडिटेशन का अनुभव किया।
हिन्दुस्थान समाचार / विक्रम सिंह