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- साहसिक गतिविधियों और सांस्कृतिक रंगों का अनोखा संगम
भोपाल, 21 दिसम्बर (हि.स.)। छिंदवाड़ा जिले के माचागोरा जल क्षेत्र में शुक्रवार से शुरू हुआ छिंदवाड़ा जल महोत्सव 25 दिसंबर तक चलेगा। इस आयोजन से स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों को भी रोमांच और मनोरंजन का अद्भुत अनुभव प्राप्त हो रहा है। जिला प्रशासन और मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के सयुंक्त प्रयासों से आयोजित इस जल महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को जिले सहित आस-पास के जिलों से आए सैकड़ों पर्यटकों ने जेटस्की और मोटर बोट सहित पैरासिलिंग का आंनद लिया।
कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अग्रिम कुमार के कुशल मार्गदर्शन में चल रहे इस जल महोत्सव में शनिवार को अपार जनसमूह शामिल हुआ। जल महोत्सव में शामिल हुए स्कूली विद्यार्थियों के 137 सदस्यीय दल ने दो दिनों में उत्साह के साथ एक्टिविटी की। शनिवार को 140 बार राइड का रिकार्ड बना। इस जल महोत्सव में रविवार को 123 स्कूली विद्यार्थियों का दूसरा दल इसमें भाग लेगा।
साहसिक गतिविधियों की धूम
जल महोत्सव में मोटर बोटिंग, पैरासेलिंग, जेट्स्की, वॉटर ज़ॉर्बिंग, जिपलाइन, वॉल क्लाइम्बिंग और अन्य रोमांचक जल गतिविधियां सभी के बीच खासा आकर्षण बनीं। पहले दिन शुभारंभ अवसर पर जनप्रतिनिधियों ने भी इन गतिविधियों में हिस्सा लिया, जिससे महोत्सव का माहौल और भी जीवंत हो गया।
बिर्रा की रोटी, महुए की पुड़ी और समा की खीर चख रहे पर्यटक
ज्वार, बाजरा, मक्के की रोटी...चने की भाजी, महुए की रबड़ी, बरबटी के बड़े, कोदो और समा की खीर, टमाटर की चटनी...यह सब पारंपरिक व्यंजन जल महोत्सव में पर्यटकों को परोसे जा रहे हैं। गांवों में बने अचार, पापड़, बड़ी सहित अन्य घरेलू सामग्री भी जल महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को खरीद के लिए उपलब्ध हैं। यहां पर्यटकों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। यहां नाइट स्टे टेंट में गद्दे, तकिया और कंबल के अलावा पर्यटकों की पसंद का सादा व ग्रामीण परिवेश का भोजन परोसा जा रहा है। पर्यटक यहां पातालकोट की रसोई का स्वाद भी ले रहे हैं। श्रीअन्न (मिलेट्स) पर आधारित जनजातीय पारम्परिक भोजन के स्टॉल भी यहां लगाए गये हैं, जिसमें पर्यटक देशी भोजन का स्वाद ले रहे हैं।
छिंदवाड़ा जिले के पर्यटन को मिलेगी नई पहचान
अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह ने जल महोत्सव का शुभारंभ कर इसे एक अद्भुत नवाचार बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने इसे केवल एक आयोजन नहीं, वरन् स्थानीय रोजगार और आर्थिक समृद्धि का जरिया बताया। म.प्र. टूरिज्म डेवलपमेन्ट बोर्ड भोपाल के संयुक्त संचालक एस.के. श्रीवास्तव ने इसे प्रदेश का 'दूसरा बड़ा जल महोत्सव' बताते हुए पर्यटन विकास के संदर्भ में इसके महत्व को विस्तार से रेखांकित किया। यह महोत्सव छिंदवाड़ा को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन मानचित्र पर उभारने का सशक्त माध्यम बन रहा है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा
माचागोरा जल क्षेत्र में हर दिन शाम 7 से 8 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम और लोक नृत्य आयोजित किए जा रहे हैं। यहाँ स्थानीय जनजातीय व्यंजनों के स्टॉल और बच्चों के लिए मनोरंजक खेल गतिविधियां जल महोत्सव को और भी खास बना रही हैं।
पर्यटकों के लिए अद्वितीय अनुभव
माचागोरा जल महोत्सव मनोरंजन, रोमांच और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बन गया है। यह महोत्सव पर्यटकों और स्थानीय लोगों को न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का मौका दे रहा है, बल्कि उन्हें साहसिक गतिविधियों में शामिल होने के लिये भी प्रेरित कर रहा है। यह आयोजन हर आयु वर्ग के लिए कुछ न कुछ खास लेकर आया है। रोमांच, संस्कृति और स्वाद का अनोखा अनुभव लेने की इच्छा रखने वालों के लिए माचागोरा जल महोत्सव एक बड़ा क्षेत्रीय आयोजन साबित हो रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर