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गुवाहाटी, 21 दिसंबर (हि.स.)। असम पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा 19 दिसंबर को गिरफ्तार किए गए अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के आठ सदस्यों को गुवाहाटी की एक अदालत ने 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। एबीटी अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) की सहयोगी संगठन है।
एसटीएफ ने आज मीडिया को जानकारी दी कि आरोपितों को अदालत में पेश करने के बाद 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया। उन्होंने कहा कि हमने चार पेन ड्राइव और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनका विश्लेषण जारी है। गिरफ्तार आरोपितों में एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।
एसटीएफ ने बताया कि बांग्लादेशी नागरिक की पहचान 36 वर्षीय मोहम्मद साद रदी उर्फ शब शेख के रूप में हुई है, जो बांग्लादेश के राजशाही का निवासी है। वह बीते नवंबर में भारत में दाखिल हुआ था, जिसका उद्देश्य कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार और देशभर में स्लीपर सेल का गठन करना था।
महंत ने बताया कि मोहम्मद साद रदी ने असम और पश्चिम बंगाल में स्लीपर सेल के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और बाद में इसी उद्देश्य से केरल गया। असम एसटीएफ ने केरल पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार किया। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल से मिनारुल शेख (40) और मोहम्मद अब्बास अली (33) को, जबकि असम के कोकराझार और धुबरी जिलों से नूर इस्लाम मंडल (40), अब्दुल करीम मंडल (30), मोजीबर रहमान (46), हमीदुल इस्लाम (34) और एनामुल हक (29) को गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ ने इन गिरफ्तारियों के बाद यूएपीए (यूएपीए) 1967 और पासपोर्ट एक्ट 1967 के तहत मामला दर्ज किया है और ऑपरेशन प्रघात शुरू किया। यह अभियान एसटीएफ प्रमुख डॉ. पार्थ सारथी महंत के नेतृत्व में चलाया गया, जिसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी की गई।
महंत ने बताया कि जांच के दौरान जब्त दस्तावेजों और मोबाइल फोन से पता चला है कि आरोपित पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश और पाकिस्तान स्थित संस्थाओं से लगातार संपर्क में थे। यह मॉड्यूल असम और पश्चिम बंगाल में स्लीपर सेल का गठन कर पूरे देश में हिंसक और विध्वंसकारी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहा था। इन गतिविधियों का उद्देश्य शांति और सुरक्षा को भंग करना था।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश