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अगरतला, 21 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय गृह एवं और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा के अगरतला में आयोजित उत्तर पूर्व परिषद (एनईसी) की 72वीं पूर्ण बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दृष्टि और संवेदनशीलता के साथ पूर्वोत्तर को विकास के केंद्र में लाकर खड़ा किया है।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर राज्यों की सभी समस्याओं को हल करने के लिए उनके साथ खड़ी है। एनईसी विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों और चुनौतियों की पहचान कर प्रभावी समाधान प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
पूर्वोत्तर के विकास में तेजी लाने पर जोर देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य है कि पूर्वोत्तर के विकास की रफ्तार को तेज किया जाए और इसे बाकी भारत के बराबर लाया जाए। उन्होंने 'एक्ट ईस्ट, एक्ट फास्ट और एक्ट फर्स्ट' के मंत्र को लागू करने की प्रतिबद्धता जताई।
शांति और सुरक्षा में सुधार को उन्होंने जरूरत बताते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में पूर्वोत्तर में हिंसक घटनाओं में 71 फीसदी की कमी और नागरिक मौतों में 86 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान 10,574 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
अमित शाह ने बताया कि शांति स्थापित करने के लिए विभिन्न शांति समझौतों के माध्यम से मोदी सरकार ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
नए कानूनों से नागरिकों को अधिकार मिलने की बात कहते हुए अमित शाह ने कहा कि अब समय आ गया है कि पूर्वोत्तर के हर नागरिक को संपत्ति, गरिमा और परिवार की सुरक्षा जैसे संवैधानिक अधिकार प्रदान किए जाएं, जो तीन नए आपराधिक कानूनों में निहित हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर वैश्विक बाजारों से जुड़ रहा है। मोदी सरकार ने क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित किया है और वैश्विक बाजारों के द्वार खोलने के प्रयास किए हैं। यह पहल पूर्वोत्तर के विकास को गति देने में मदद कर रही है।
अमित शाह ने पुलिस बल के प्रशिक्षण और दिशा में बदलाव का सुझाव देते हुए कहा कि प्रत्येक राज्य को पुलिस की कार्य संस्कृति और दृष्टिकोण में बदलाव के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पहल पूर्वोत्तर को विकास और शांति के नए युग में ले जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश