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--कई गांवों के ग्रामीण आए सड़क पर
हमीरपुर, 20 दिसम्बर (हि.स.)। हमीरपुर जिले में करोड़ों रुपये का बजट खर्च होने के बाद भी यहां चन्द्रावल नदी में पुल बनकर तैयार नहीं हो सका। भूमि विवाद में इस पुल का निर्माण अधर में लटक गया है। दशकों से पुल बनाने की मांग को लेकर आंदोलन करने वाले तमाम गांवों के लोग ने भी सड़क पर आने की तैयारी की है।
बुंदेलखंड के महोबा से होते हुए हमीरपुर जिले के मौदहा क्षेत्र के बीहड़ गांवों के बाहर से निकली चन्द्रावल नदी बारिश के मौसम में दर्जनों गांवों में हर साल कहर बरपाती है। नदी की बाढ़ से एक दर्जन से अधिक गांवों का सम्पर्क भी मौदहा और हमीरपुर जिला मुख्यालय से कट जाता है। नदी किनारे बसे ज्यादातर गांव बाढ़ के पानी से घिर जाते हैं। बाढ़ के समय इस नदी के कहर बरपाने से करीब पचास हजार की आबादी प्रभावित होती है। आजादी के 77 साल बाद नदी में पुल न बनने से लोग नाव से नदी आर-पार होते हैं। खास बात तो यह है कि बारिश के मौसम में तबाही मचाने वाली यह नदी गर्मी के सीजन में रेगिस्तान की शक्ल ले लेती है।
बता दें कि, कुछ साल पहले सिसोलर क्षेत्र के किसवाही गांव की एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल लाते समय एक एम्बुलेंस नदी की जलधारा में फंस गई थी जिसे कई घंटे तक चलाए गए रेस्क्यू आपरेशन के बाद नदी को बाहर से निकाला जा सका था। इस नदी में कई बार हादसे हो चुके है। छिमौली समेत कई गांवों के लोगों ने अधूरे पुल निर्माण शुरू कराने के लिए एसडीएम को ज्ञापन दिया था। अब ग्रामीण फिर इस मामले को लेकर आंदोलन करने की तैयारी में है।
--पांच साल से बन रहा था पुल, पुल के आरपार नहीं हुई मिट्टी की पुराईमौदहा क्षेत्र के बीहड़ में बसे छिमौली गांव में चन्द्रावल नदी पर बारह करोड़ तिहत्तर लाख रुपये की लागत से एक पुल का निर्माण योगी सरकार के फैसले के बाद शुरू कराया गया था जो आधे से ज्यादा बनकर तैयार भी हो चुका है। शिवसेना के प्रांतीय उपाध्यक्ष महंत रतन ब्रह्मचारी ने बताया कि पांच सालों से इस पुल का निर्माण चल रहा है लेकिन भूमि अधिग्रहण के विवाद में पुल का निर्माण कार्य खटाई में पड़ गया है। सेतु निगम के अभियंता राजेन्द्र चौधरी ने शुरू में दावा किया था कि एप्रोच मार्ग की भूमि मिलते ही यह पुल पिछले साल तैयार हो जाएगा, लेकिन अब ये भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर लटक गया है।
--नदी में पुल बनने से बीहड़ में बसे दर्जनों गांवों की बदल जाएगी तस्वीरछिमौली गांव के सभासाद उत्तम सिंह का कहना है कि चन्द्रावल नदी का पुल पिछले कई सालों से तैयार कराया जा रहा है, लेकिन इसका निर्माण आज भी पूरा नही हो सका। बताया कि पुल पर झांखड़ों से बैरिकेडिंग कर अब इसे बंद कर दिया गया है। जिससे मवेशी, ग्रामीण और बाहरी लोग पुल की तरफ न जा सके। क्योंकि पुल पर रात में जाना खतरनाक साबित हो सकता है। गांव के समाजसेवी रामलखन का कहना है कि नदी में पुल आधा बनकर तैयार है। एप्रोच मार्ग भी खटाई में पड़ा है। शिवसेना के प्रांतीय उपाध्यक्ष ने बताया कि इस पुल के तैयार होने से बीहड़ में बसे दर्जनं गांवों की तस्वीर भी बदल जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा