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जयपुर, 2 दिसंबर (हि.स.)।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने प्रदेश के सभी जिलों में मतदाता सूचियों में नाम जोड़ने और संशोधन करने के लिए प्राप्त आवेदनों तथा प्रारूप सूचियों पर प्राप्त दावे-आपत्तियों का जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं।
महाजन के अनुसार नाम जोड़ने, हटाने अथवा संशोधन के लिए कुल 22.54 लाख आवेदन प्राप्त हुए है। इनमें से 11.77 लाख मतदाताओं ने नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया है। यह प्रक्रिया 24 दिसम्बर तक जारी रहेगी। छह जनवरी 2025 को अंतिम मतदाता सूचियों का प्रकाशन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के दौरान कुछ जिलों में मतदाता-जनसंख्या अनुपात (ईपी रेश्यो) और पुरुष-महिला मतदाता लिंगानुपात (जेंडर रेश्यो) के आंकड़ों में सुधार के लिए अधिक संवेदनशील रहकर प्रयास किए जाने चाहिए। महाजन ने सोमवार को जिला निर्वाचन अधिकारियों और उप जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस बैठक में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में सुधार के लिए महिला मतदाताओं के नाम जोड़ने और विशेषकर नव विवाहित महिलाओं के नाम जोड़ने पर विशेष रूप से फोकस किया जाए। महिलाओं को मतदाताओं के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं सहित अन्य सक्रिय संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाना चाहिए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मतदाता सूचियों में मतदाता-जनसंख्या और लिंगानुपात के आंकड़ों के दुरस्तीकरण, प्राप्त आवेदनों के निस्तारण में अच्छा कार्य करने वाले करौली, बारां, बाड़मेर, धौलपुर आदि जिलों के अधिकारियों की तारीफ की। उन्होंने दूसरे जिलों के अधिकारियों से कहा कि वे भी पुनरीक्षण के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) सहित अन्य अधिकारियों के साथ निचले स्तर तक बेहतर तालमेल और प्रबंधन कर इस कार्य में गुणवत्तापूर्ण सुधार करें। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी बीएलओ को मतदाता-जनसंख्या और लिंगानुपात में सुधार के लिए अधिक सक्रियता से कार्य करना होगा।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस कार्य में लापरवाही को भारत निर्वाचन आयोग के स्तर पर गंभीरता से लिया जाएगा। महाजन ने कहा कि 14 दिसम्बर तक प्राप्त सभी नए आवेदनों और प्रारूप सूचियों पर दावों के निस्तारण का कार्य 24 दिसम्बर तक पूरा किया जाना है। इस कार्य को अधिक संवेदनशीलता और समयबद्धता के साथ करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि मतदाता-जनसंख्या अनुपात के आंकड़ों में तथा लिंगानुपात के आंकड़ों में सुधार के लिए करौली, बीकानेर, भीलवाड़ा, बाड़मेर, बारां, धौलपुर और नागौर जिलों में प्रशसनीय कार्य हुआ है। इसी प्रकार आवेदन पत्रों के निस्तारण में प्रतापगढ़, बारां, टोंक और चूरू ने बेहतर कार्य किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित