ऐप से ई रिक्शा और ई ऑटो भी बुक कर सकेंगे आने वाले श्रद्धालु 
-ग्रीन महाकुम्भ को बढ़ावा देने की नई पहल, श्रद्धालुओं को मिलेगी ऑनलाइन ई रिक्शा या ई ऑटो बुकिंग की सुविधा -मनमाना किराया वसूलने वाले रिक्शा चालकों से मिलेगी राहत, प्रति किमी के हिसाब से निश्चित होगा किराया-हर रिक्शा चालक का होगा वेरीफिकेशन, विदेशी श्र
प्रशिक्षण


-ग्रीन महाकुम्भ को बढ़ावा देने की नई पहल, श्रद्धालुओं को मिलेगी ऑनलाइन ई रिक्शा या ई ऑटो बुकिंग की सुविधा -मनमाना किराया वसूलने वाले रिक्शा चालकों से मिलेगी राहत, प्रति किमी के हिसाब से निश्चित होगा किराया-हर रिक्शा चालक का होगा वेरीफिकेशन, विदेशी श्रद्धालुओं से संवाद के लिए गूगल वॉइस असिस्टेंट का सहारा-महिला ड्राइवर के साथ पिंक सेवा का भी प्रावधान, 15 दिसम्बर से श्रद्धालु और पर्यटक उठा सकेंगे लाभ

प्रयागराज, 02 दिसम्बर (हि.स.)। महाकुम्भ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुगम, सुरक्षित एवं सुविधाजनक यात्रा के लिए योगी सरकार कटिबद्ध है। सरकार के इस प्रयास को सार्थक बनाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें सरकारी परिवहन के साथ-साथ निजी परिवहन सेवा प्रदाता भी पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं। इसी क्रम में महाकुम्भ आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर लोकल ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने के लिए ओला और उबर की तर्ज पर ऐप के माध्यम से ऑनलाइन ई रिक्शा और ई ऑटो बुकिंग की सुविधा का भी लाभ मिलने जा रहा है।

इन ई व्हीकल्स के ड्राइवर्स पूरी तरह ट्रेंड और वेल बिहेव्ड होंगे। साथ ही इसमें पिंक टैक्सी की भी सुविधा प्राप्त होगी, जिसमें महिलाएं चालक होंगी। सबसे खास बात यह है कि श्रद्धालुओं को मनमाना किराया वसूलने वाले रिक्शा चालकों से छुटकारा मिलेगा। 15 दिसम्बर से श्रद्धालु और पर्यटक इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। महाकुम्भ से पहले इस तरह की पहल से श्रद्धालुओं को न सिर्फ सुविधाजनक और सस्ती लोकल राइड का लाभ मिलेगा, बल्कि योगी सरकार के ग्रीन महाकुम्भ की अवधारणा को भी समर्थन मिलेगा।

-चालकों को दी जा रही अच्छे व्यवहार की ट्रेनिंग सरकार की ओर से इन श्रद्धालुओं को प्रयागराज लाने के लिए 7000 से अधिक रोडवेज बसों और 550 शटल बसों के संचालन का निर्णय लिया गया है,जबकि रेलवे भी करीब 1000 अतिरिक्त ट्रेनों के साथ ही कुल 3 हजार ट्रेनें चलाने जा रहा है। इसी क्रम में प्रयागराज में श्रद्धालुओं को लोकल ट्रांसपोर्ट की कमी न हो, इसके लिए यूपी के स्टार्टअप कॉम्फी ई मोबिलिटी ने ऑनलाइन ई रिक्शा और ई ऑटो बुकिंग की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है।

15 दिसम्बर से शुरू हो रही इस सेवा में श्रद्धालु लोकल राइड के लिए ई व्हीकल्स को चुन सकेंगे। खास बात यह है कि सभी ड्राइवरों को आगंतुको से अच्छा व्यवहार करने की ट्रेनिंग दी जाएगी और जिन श्रद्धालुओं को हिंदी या अंग्रेजी भाषा में दिक्कत है, उनकी सुविधा के लिए सभी ड्राइवरों को गूगल वॉइस असिस्टेंस की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। यह ई व्हीकल्स रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, हवाई अड्डा एवं सभी होटलों से आराम से उपलब्ध हो सकेंगे। इसमें महिला ड्राइवर के साथ पिंक सेवा का भी प्रावधान है। शुरुआत में 30-40 पिंक टैक्सी सुविधा प्रदान करने के लिए उपलब्ध होंगी।

-पर्यावरण अनुकूल होगी सुविधाकॉम्फी ई मोबिलिटी की फाउंडर और डायरेक्टर मनु गुप्ता ने बताया कि महाकुम्भ मेले में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाजनक, सुरक्षित एवं पर्यावरण हितैषी ऐप आधारित ई रिक्शा टैक्सी सेवा प्रदान की जाएगी। श्रद्धालुओं को सुविधा देने के साथ ही सस्ती राइड उपलब्ध कराने के लिए किसी भी ड्राइवर से कमीशन नहीं लिया जाएगा। सुरक्षित राइड के लिए प्रत्येक ड्राइवर और व्हीकल के ओनर का औरिफिकेशन कराया गया है। 300 ई रिक्शा के साथ पूरे प्रयागराज एवं कुम्भ मेला में इसकी शुरुआत की जा रही है।

सभी ड्राइवर्स को आगंतुकों के साथ अच्छे व्यवहार की ट्रेनिंग दी जा रही है। सभी ई रिक्शा और ऑटो जीपीआरएस सिस्टम से ट्रैक किए जाएंगे, जबकि यह पूरी तरह फिट और कवर्ड भी होंगे। इसका किराया पूरी तरह ट्रांसपेरेंट होगा, जो प्रति किमी. के हिसाब से निर्धारित किया गया है। इससे ज्यादा किराया वसूलने वाले रिक्शा चालकों से भी मुक्ति मिलेगी। किसी भी तरह की असुविधा होने पर श्रद्धालु कॉल सेंटर पर शिकायत भी कर सकेंगे।

-श्रद्धालुओं के लिए यादगार बनेगा महाकुम्भ सीईओ आरके चौहान ने बताया कि कॉम्फी ई मोबिलिटी स्टार्टअप इंडिया से मान्यता प्राप्त है। हमारा उद्देश्य अर्बन ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में पर्यावरण के अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों को टैक्सी के रूप में प्रस्तुत कर वायु प्रदूषण को कम करना और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है। प्रयागराज में महाकुम्भ से इसकी शुरुआत की जा रही है, ताकि इस महापर्व को लोगों के लिए एक यादगार अनुभव बनाया जा सके। महाकुम्भ में पूरे विश्व से सनातनियों के अलावा विभिन्न समुदाय के लोग हिंदू धर्म के सबसे बड़े अनुष्ठान को देखने और समझने के लिए प्रयागराज आएंगे। वह यहां महाकुम्भ के मंथन से निकलने वाले पर्यावरण संरक्षण के संदेश, यहां की संस्कृति एवं अनुभव अपने साथ लेकर जाएंगे। इस आयोजन के बाद इस पहल को हम प्रदेश के अन्य शहरों में लेकर जाएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र